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Covaxin vs Delta Variant - नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ ने उन लोगों के ऊपर रिसर्च की जिन्होंने कोरोना की कोवैक्सीन लगवाई थी। रिसर्च में सामने आया कि कोवैक्सीन कोरोना के दोनों वारंट डेल्टा और अल्फा के खिलाफ असरदार है। ये वैक्सीन लगवाने के बाद जो एंटी बॉडीज जनरेट होती है वो दोनों के खिलाफ असरदार है। इंडिया में बानी कोवैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा बनायीं गयी है।
इंडिया में दो वैक्सीन ही सबसे ज्यादा सभी लोगों को दी गयी हैं एक कोवैक्सीन और एक कोविदशील्ड। अगर कोवैक्सीन के रिजल्ट्स अच्छे रहते हैं तो ये सबके लिए काफी फायदे की बात होगी और हमें वापस से कोई और डोज़ लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
देशभर में कोरोनावायरस के मामले कम हो ही रहे थे की अब कोरोनावायरस का नया संक्रमण सामने आ गया है। डेल्टा के बाद अब डेल्टा प्लस का कहर बढ़ता दिख रहा हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में 174 जिलों में इसके मामले देखे जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 10 राज्यों में 48 नमूनों में डेल्टा प्लस के सामने आए हैं। वही उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल-मई में संक्रमण की दूसरी लहर में डेल्टा संस्करण का प्रमुख योगदान था। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में देश भर के 52 जिलों में संस्करण मौजूद था और जून तक 174 जिलों में फैल गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कोरोनवायरस के डेल्टा प्लस संस्करण को वैरीअंट ऑफ कंसर्न(VOC) के रूप में कैटेगरीज किया। इसके अलावा जिन राज्यों में फैल चुका है राज्यों को उन समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि 10 राज्यों में डेल्टा प्लस के 48 मामले मिले हैं। जिसमें से महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु 9 और मध्य प्रदेश 7 में इसके साथ मामले मिले हैं।
इंडिया में दो वैक्सीन ही सबसे ज्यादा सभी लोगों को दी गयी हैं एक कोवैक्सीन और एक कोविदशील्ड। अगर कोवैक्सीन के रिजल्ट्स अच्छे रहते हैं तो ये सबके लिए काफी फायदे की बात होगी और हमें वापस से कोई और डोज़ लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के अभी देश में क्या हालात हैं ?
देशभर में कोरोनावायरस के मामले कम हो ही रहे थे की अब कोरोनावायरस का नया संक्रमण सामने आ गया है। डेल्टा के बाद अब डेल्टा प्लस का कहर बढ़ता दिख रहा हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में 174 जिलों में इसके मामले देखे जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 10 राज्यों में 48 नमूनों में डेल्टा प्लस के सामने आए हैं। वही उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल-मई में संक्रमण की दूसरी लहर में डेल्टा संस्करण का प्रमुख योगदान था। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में देश भर के 52 जिलों में संस्करण मौजूद था और जून तक 174 जिलों में फैल गया।
डेल्टा प्लस का खतरा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कोरोनवायरस के डेल्टा प्लस संस्करण को वैरीअंट ऑफ कंसर्न(VOC) के रूप में कैटेगरीज किया। इसके अलावा जिन राज्यों में फैल चुका है राज्यों को उन समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करने का निर्देश दिया गया है।
डेल्टा प्लस के मामले किस किस स्टेट में हैं ?
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि 10 राज्यों में डेल्टा प्लस के 48 मामले मिले हैं। जिसमें से महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु 9 और मध्य प्रदेश 7 में इसके साथ मामले मिले हैं।