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She Is First Your partner: पेरेंट्स की बहु से पहले है पति की पार्टनर

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मेरी एक दोस्त ने मेरे साथ अपनी शादीशुदा जिंदगी की एक बात शेयर की। उसने मुझे बताया कि उसकी शादी के बाद उसके घर में सभी लोग और रिश्तेदार इकट्ठे हुए थे। वहां पर उसके पति की बहन यानि उसकी ननद और घर के दामाद भी वहां मौजूद थे। जब बात रात को सोने की आई तो उसकी सास ने उससे हॉल में बाकी सभी रिश्तेदारों के साथ सोने के लिए कहा। 

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जबकि उसके कमरे में उन्होंने अपने दामाद को ठहराने का तय किया। उनके दामाद ने कोई तकलीफ ना देने के लिए होटल में रुकने के लिए कहा लेकिन उसकी सास ने मना कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि यह शादी के बाद उस घर में उसका पहला दिन था।

पति ने किया सपोर्ट

अपनी मां की इस बात का सख्त विरोध करते हुए मेरे दोस्त की पति ने कहा कि उसकी पार्टनर बाहर हॉल में नहीं सोएगी। अगर उस घर में उनके सोने के लिए जगह नहीं है तो वह बाहर किसी होटल में रात गुजार लेंगे। अपने पति के मुंह से यह सुनकर और उसकी यह सपोर्ट देखकर मेरी दोस्त को एक सिक्योरिटी का एहसास हुआ जो उसे अपने पति के साथ से मिली थी।

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मेरी एक और दोस्त भी है जिसकी हाल ही में नई शादी हुई है। शादी के बाद उसके पति ने  उससे कहा कि वह कोई भी फैसला अपने माता-पिता को तस्वीर से बाहर रखकर नहीं कर सकता। लेकिन कोई भी पुरुषों को शादी के बाद अपने मां-बाप को छोड़ने या उनकी जिम्मेदारी ना उठाने के लिए नहीं कह रहा है। हम तो बस यह चाहते हैं कि वे अपनी पत्नी को दरकिनार न करें।

पति से शादी की है उसके परिवार से नहीं

 एक लड़की किसी लड़के से शादी करती है उसके पूरे परिवार से नहीं। लेकिन भारतीय समाज में तो इसके विपरीत ही सब कुछ होता है। उन्हें लगता है कोई लड़की उनके बेटे से नहीं बल्कि उनके परिवार से शादी करके आई है। नई दुल्हन के घर में आते ही घर के सब सदस्य उससे अपने घर में रहने के तौर तरीके सिखाने में लग जाते हैं।

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महिलाओं से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने पति के घर के हिसाब से चलना, बैठना, खाना पीना, सब कुछ सीख लें। इसमें सबसे बड़ा रोल निभाती है एक सास जिसे यह लगता है कि वह घर पर शुरू से संभालती आई है और उसकी बहू कभी इतने अच्छे से घर नहीं संभाल पाएगी। 

जो बहु इन सब चीजों के खिलाफ अपनी आवाज उठा देती है उसे लोग बेशरम कहते हैं। लेकिन इन सबके बीच अगर कोई तालमेल बैठा सकता है तो वह है पति। यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह अपनी पत्नी के साथ खड़ा रहे और उसकी एडजस्ट करने में मदद करें। उसे अपनी पत्नी की खुशी का खयाल रखना चाहिए।

शादी का प्रकार?

भारतीय समाज में लव मैरिज एक टैबू है। अगर कोई लड़का और लड़की लव मैरिज करके आते हैं तो उनके परिवार उन्हें जल्दी स्वीकारते नहीं है। वे अपनी बहू को बहुत ही बुरी तरह ट्रीट करते हैं और उसके साथ भेदभाव करते हैं। जबकि अरेंज मैरिज में वह बहू को अपनी मिल्कियत समझते हैं।

अरेंज मैरिज में वह लड़की के लिए अपनी पसंद से लड़की चुनकर लाते हैं। उनके लिए वह लड़की उनके द्वारा घर के कामों और उनकी आज्ञा पूरी करने के लिए शादी करके आई है। अगर वह अपने पति के साथ वक्त बिताना चाहिए तो उसे ताने दिए जाते हैं कि 2 दिन की आई लड़की ने उनके बेटे को अपने काबू में कर लिया। लेकिन यह क्यों भूल जाते हैं कि वह लड़की किसी की बहू होने से पहले किसी की लाइफ पार्टनर है? अगर इस चीज को कोई बदल सकता है तो वह पति है।

ओपिनियन
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