बारिश के दिनों में या अक्सर मौसम बदलते समय बुख़ार होना स्वाभाविक है।इन दिनों में मच्छर भी बहुत होता है। कई बार यह आम बुख़ार डेंगू का भी रूप ले लेता है।यह एक गंभीर बीमारी है।इसके कारण हर साल अनेक लोगों की मौत हो जाती है।आज हम आपको डेंगू से होने वाले बुख़ार के लक्षण और कारण बताएँगे।
डेंगू बुख़ार क्या होता है?
डेंगू फीवर मच्छरों के द्वारा फैले हुए वायरस के कारण होता है।यह मच्छर डेंगू को फैलाने में माध्यम बनते है।जब मच्छर डेंगू बुख़ार से ग्रस्त बंदे को काटते है और वही मच्छर जब अन्य व्यक्ति को काटता है इससे यह वायरस फैलता है।इसमें रोगी की हड्डियाँ टूटने जैसा दर्द होता है जिस कारण इसे हड्डितोड़ बुख़ार भी कहा जाता है।
डेंगू के लक्षण-
जब कोई व्यक्ति डेंगू से संक्रमित होता है तब उसमें 3-14 दिनों के बाद ही लक्षण दिखाई देते है।
-आप की हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है और बुख़ार भी बहुत तेज जैसे 104 डिग्री तक पहुँच जाता है।
-आपका ब्लड प्रेशर बैलेन्स में नहीं रहता कभी बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है कभी बहुत कम।
-आँखे भी लाल हो जाती है और उन्मे दर्द होने लगता है।
-डेंगू की शुरुआत भूख ना लगना, सिर दर्द, ठंड लगना, उल्टी, त्वचा पर गुलाबी रंग के चक्ते,और बुख़ार से होती है।
-आपके चेहरे पर गुलाबी रंग के दाने निकलने लगते हैं।
-डेंगू के दूसरे चरण में पेट में तेज दर्द, उल्टी में खून आना, पेशाब में खून आना, लिवर में दिक़्क़त आती है।
-तीसरे चरण में यह और भी ज़्यादा घातक रूप ले लेता तापमान पहले से अधिक बढ़ने लगता है।
डेंगू के जोखिम कारक -कौन-कौन से ऐसे कारकि होते जो इसका ख़तरा बढ़ा देते है-
डेंगू ग्रस्त क्षेत्र में रहना-जब आप उस जगह पर ज़्यादा रहते हों यहाँ इस बीमारी का ज़्यादा प्रकोप है वहाँ पर डेंगू होने का ज़्यादा ख़तरा होता है।
प्लेटलेट काउंट का कम होना- जब आपके रक्त में प्लेटलेट काउंट की कमी होती है तब इस स्थिति इस बीमारी का ज़्यादा प्रकोप है
इम्यूनिटी का कम होना-जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उनमें यह बीमारी होने की संभावना बड़ जाती है।
घरेलू उपचार-
नीम- नीम बहुत गुणकारी है।यह अच्छी सेहत के ज़िम्मेदार है। नीम के पत्तों के रस का सेवन करने प्लेटलेटस में बढ़ोतरी होती है।डेंगू के इलाज के लिए इसका सेवन ज़रूर करें।
गिलोय-यह एक बहुत ही अच्छी जड़ी-बूटी है।इससे आपको इम्यूनिटी बढ़ती है।आप गिलोय के तने को पानी उबाल कर उस पानी का सेवन करें।2-3 ग्राम गिलोय में 5-6 तुलसी के पत्ते मिलाकर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करें।
तुलसी-तुलसी आपकी बॉडी को डीटॉक्स करती है। इसे डेंगू बुख़ार में ज़रूर ले।एक चुटकी काली मिर्च और 5-7 तुलसी की पत्तियाँ पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करे ।