डिप्रेशन एक मानसिक रोग है जो आज के समय में बहुत आम हो गया है लेकिन आज भी इस पर खुलकर बात नहीं जाती है। पहली बात तो डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति को हमारे समाज में सीरीयस नहीं लिया जाता है उसे कहा जाता है डिप्रेशन कुछ नहीं होता? यह सब कहने के बातें है। हमारे जमाने में ऐसा कुछ नहीं होता यह सब आज की पीढ़ी ड्रामे है। डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है यह आप की जान तक ले सकता है। इस पर हमें बात करने सख़्त ज़रूरत है।
विश्व सेहत संगठन(WHO) ने डिप्रेशन के कुछ तथ्य सामने रखें है-
-डिप्रेशन एक मानसिक रोग हैं और पूरे विश्व में अनुमानित 5% अडल्ट लोग इससे ग्रस्त है।
-मर्दों से औरतें ज़्यादा डिप्रेशन से ग्रस्त हो रही हैं।
-डिप्रेशन से व्यक्ति अपनी जान यानी आत्महत्या भी कर सकता हैं।
-डिप्रेशन की तीन स्टेजस कम, ठीक-ठाक और बहुत ख़तरनाक इनका इलाज अच्छे से होना चाहिए।
-पूरे विश्व में 280 मिल्यन लोग डिप्रेशन से ग्रस्त है।
-7,00,000 लोग हर साल आत्महत्या से मार जाते हैं। इसके साथ ही यह 15-29 साल के लोगों में मौत का चौथा सबसे बढ़ा करन आत्महत्या है।
क्या लक्षण हैं डिप्रेशन के
-आप उदास और चिंतित रहते हो
-सोने में परेशानी आ रही हैं या ज़्यादा सो रहे हो या फिर नींद नहीं आ रही हैं
-आपका किसी चीज़ में ध्यान नहीं लगता है
-आप का शरीर थका रह है बिल्कुल भी एनर्जी महसूस नहीं होती हैं
-आपके वजन में बदलाव आते रहते हैं
-आपका अपने आप को मारने का मन करता है जैसे मरने, आत्महत्या या फिर अपने आप को चोट पहुँचाने के ख़्याल आते हैं
महिलाओं में क्या लक्षण दिखाई देते हैं
-आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता हैं।
-कभी आप उदास हो जाते हो, कभी चिंता सताने लगती है औत कभी कभी आप को लगता है मेरा कोई काम नहीं होगा।इसका मतलब उम्मीद खोने लगते हो।
-आपके स्वभाव में बदलाव आ जाता है जैसे किसी कम में मन ना लगना, किसी से बात करने का मन ना करना।
-आपके सोने के तरीक़े में बदलाव आने लगता हैं।
रिस्क फ़ैक्टर
जेनेटिक्स- यह भी डिप्रेशन में अच्छा रोल प्ले करता हैं। अगर आप के परिवार में माँ-बाप या भाई-बहन में किसी को डिप्रेशन है तो अवसाद ख़तरा बाद जाता हैं
जेंडर- अगर आप फ़ीमेल हैं तो आपमें मर्दों के मुक़ाबले ज़्यादा डिप्रेशन का ख़तरा हैं। 8 में से 1औरत अपनी ज़िंदगी में डिप्रेशन का सामना करती हैं।
पोषण की कमी- अगर आप अच्छे से भोजन नहीं करते हैं ज़्यादा जंक फ़ूड खाते इससे डिप्रेशन का ख़तरा बढ़ जाता हैं। जिनमे विटामिन डी, बी12, ज़िंक, कॉपर आदि की कमी होता उनमें डिप्रेशन का ख़तरा ज़्यादा होता हैं।