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Gender and Sexuality : जेंडर आईडेंटिटी और सेक्सुअलिटी के बीच में अंतर जानिए

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Swati Bundela
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हम अक्सर अपने आसपास के लोगों  कि सेक्सुअलिटी और जेंडर आईडेंटिटी को एक ही समझते हैं या फिर हमें मुख्य रूप से इन दोनों के बीच में कोई अंतर नहीं पता होता है। तो आइए जानते हैं जेंडर आईडेंटिटी और सेक्सुअलिटी के बीच में क्या अंतर है -

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जेंडर आइडेंटिटी और सेकसुअलिटी के बीच भेद



जेंडर आइडेंटिटी क्या होती है  ?

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  • किसी भी इंसान का अपने मन से और भाव से औरत, मर्द या फिर इन दोनों के कॉन्बिनेशन या इनसे हट कर होने का सेंस व इच्छा जेंडर आईडेंटिटी होती है।


  • मर्द और औरत के अलावा भी कई प्रकार के जेंडर्स होते हैं।


  • जेंडर न्यूट्रल, नॉन बायनरी, एजेंडर, पेन जेंडर, जेंडर क्वीर,  टू स्पिरिट, थर्ड जेंडर, सभी के कॉन्बिनेशन या फिर इनसे अलग , ये सभी जेंडर होते है।


  • किसी भी इंसान का जेंडर उसके पैदाइशी जेंडर से बिल्कुल अलग हो सकता है या फिर वही हो सकता है।


  • किसी को भी पुकारने के लिए उनके जेंडर के हिसाब से प्रोनाउंस का इस्तेमाल करना चाहिए।




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सेक्सुअलिटी या सेक्सुअल ओरियंटेशन क्या होती है  ?





  • ये वह लोग हैं जो अपने रोमांटिक पार्टनर के साथ रिश्ता बनाते हैं।


  • एक इंसान की सेक्सुअल ओरियंटेशन उसके किसी भी दूसरे इंसान की तरफ अट्रैक्शन की कैपेसिटी पर निर्भर होती है।


  • सेक्सुअलिटी भी कई प्रकार की होती हैं-  जैसे स्ट्रेट, बाय सेक्सुअल, एसेक्सुअल, क्वीर इत्यादि।


  • Cisgenders- यह वह लोग होते हैं जो अपनी सेक्सुअल ओरियंटेशन अपने जन्म के समय के सेक्सुअल ओरियंटेशन को ही मानते हैं।


  • Transgenders - यह वह लोग होते हैं जो खुद को अलग-अलग सेक्सुअल ओरियंटेशन में परिवर्तित करते हैं।


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इन दोनों में मुख्य अंतर



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जेंडर आइडेंटिटी आपके अकेले पर निर्भर करती है जबकि  सेक्सुअल ओरियंटेशन आपकी अपने पार्टनर की तरफ अट्रैक्शन पर निर्भर करती है।



एक इंसान का अपनी जिंदगी में इन दोनों बातों का जानना बहुत जरूरी होता है। साथ ही यह भी समझा जाए कि यह दोनों एक नहीं होते हैं।
सोसाइटी
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