Do you think it is right to teach sex education in school: अक्सर हमारे समाज में सेक्स एजुकेश के बारे में खुलेआम बात करना एक टैबू माना जाता है। कुछ लोगों को यह सोचकर अजीब लगता है कि सेक्स एजुकेशन स्कूलों में दी जाए, जबकि कुछ लोग इसे अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं। लेकिन क्या स्कूलों में सेक्स एजुकेशन का होना सही है? हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां माता पिता यह चाहते हैं कि उनके बच्चे कोई गलती न करें, कम उम्र में कोई सेक्सुअल रिलेशन ना बनाए। लेकिन उन बच्चों को कोई गलत और सही बताने वाला ही नहीं है, “नहीं तुम अभी बहुत छोटे हो, तुम्हें इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।” यह सब कहकर बच्चों के सवालों को खत्म कर दिया जाता है।
सेक्स एजुकेशन का मुख्य उद्देश्य यह होता है, कि बच्चों को सेक्सुअलिटी और उससे संबंधित मुद्दों के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो। यह उन्हें सेहतमंद और रिश्तों में सावधानी बरतना सिखाता है, और उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है। बच्चों को सेक्स एजुकेशन के माध्यम से यह भी सिखाया जाता है कि सही और गलत में भेद करना क्यों जरुरी है।
सेक्स एजुकेशन के लाभ (Benefits of Sex Education)
सेक्स एजुकेशन को स्कूलों में शामिल करने के कई लाभ हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण लाभ है कि यह छात्रों को जानकारी और समझ प्रदान करता है, जिससे उन्हें सेक्स और उससे संबंधित मुद्दों को समझने में मदद मिलती है। यह उन्हें गलत या हानिकारक गतिविधियों से बचाने में मदद करता है।
दूसरा लाभ है कि सेक्स एजुकेशन छात्रों को सही और स्वस्थ संबंधों के बारे में जागरूक बनाता है। यह उन्हें सही संबंध बनाने की महत्वपूर्णता समझाता है, और बाद में उन्हें भविष्य में बड़े होते समय सही निर्णय लेने में मदद करता है। तीसरा लाभ यह है कि सेक्स एजुकेशन समाज में यौन शोषण (Sexual Exploitation), सेक्सुअल क्राइम, गैर सहमति या गलत धारणाओं को दूर करने में मदद करता है। यह सामाजिक स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
हालांकि कुछ लोगों का यह मानना है कि स्कूल में बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना, संस्कृति और धार्मिक मूल्यों के खिलाफ है। लेकिन यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि सेक्स एजुकेशन सिर्फ बच्चों को यौन शोषण और अन्य यौन संबंधित समस्याओं से बचाने के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें सही जानकारी प्रदान करके स्वस्थ और समझदार निर्णय लेने में मदद करने के लिए है।