Does Fighting with Your Partner Have a Negative Impact on Children?: किसी भी रिश्ते में लड़ाई झगड़ा होना तो सामान्य होता है पर अगर वह झगड़ा हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो वह बच्चों पर एक नेगेटिव प्रभाव डालता है। घर के माहौल और वातावरण का सीधा असर बच्चों के विकास पर जाता है। अगर माता-पिता के बीच हमेशा अनबन रहती है तो इस स्थिति में बच्चे सबसे ज्यादा इफेक्ट होते हैं वे न केवल इसका हिस्सा बनते हैं साथ ही वह डरे और सहमे से रहने लग जाते हैं। यह माहौल उनके भावनात्मक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप उनके आत्मविश्वास और सामाजिक व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तो आइये जानते हैं कैसे अपने पार्टनर से लड़ना डालता है बच्चों पर बुरा असर।
अपने पार्टनर से लड़ना बच्चों को करता है 5 तरह से प्रभावित
1. भावनात्मक असंतुलन
रोजाना अपने माता-पिता को झगड़ते देख बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इन सब की वजह से वह तनाव और चिंता जैसे मानसिक समस्या का सामना करते हैं। छोटे बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं और वह मन ही मन कुछ बातों को सोते रहते हैं जिससे वह तनाव में रहने लगते हैं। लड़ाई–झगड़े से वह डरे और सहमे रहते हैं जो उनके व्यवहार में दिखाई देता है।
2. रिश्तों में असुरक्षा
घर की लड़ाई झगड़े को देखते-देखते बच्चे यह सोचते रहते हैं कि रिश्ते को निभाना बहुत ही कठिन काम है। आगे जाकर भी बच्चे किसी भी रिश्ते को निभाने से डरते और चूक जाते हैं जो उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। एक–दूसरे पर विश्वास करने में कठिनाई का सामना करते हैं और रिश्तो में असुरक्षित महसूस करते हैं।
3. हिंसक व्यवहार
बच्चों का विकास घर के माहौल को देखकर ही होता है। बच्चे जो सीखते हैं वह अपने मां-बाप को देखकर ही सीखते हैं। अगर उनके मां-बाप में हरदम अनबन रहती है तो बच्चों पर भी इसका नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। अगर वे अपने घर में हिंसक व्यवहार देखते हैं तो यह सामान्य बात है कि उनके व्यवहार में भी हिंसा देखने को मिलेगी। यह उनके व्यक्तित्व विकास को गलत दिशा में ले जा सकता है और वे भविष्य में भी हिंसक हो सकते हैं।
4. आत्मविश्वास में कमी
माता–पिता के लड़ाई की वजह से बच्चों के आत्मविश्वास पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। उन्हें महसूस होता है कि उनके पैरेंट्स के झगड़ने के दोषी वह खुद को मान लेते हैं, उन्हें यह लगने लगता है कि उनके लड़ाई का कारण वही है। यह उनके आत्मविश्वास पर नेगेटिव प्रभाव डालता है और वह खुद को दूसरों से कम मानने लगते हैं। आत्मविश्वास की कमी से उनके शैक्षणिक और सामाजिक जीवन में भी समस्याएं पैदा कर सकती है।
5. भावनात्मक असंतुलन
जब बच्चे अपने माता-पिता के बीच बार-बार झगड़े होते देखते हैं, तो उनके भीतर भावनात्मक असंतुलन पैदा हो सकता है। वे अपने भावनाओं को सही तरीके से समझ और व्यक्त नहीं कर पाते। यह असंतुलन उनके सामाजिक जीवन, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भी बाधा डाल सकता है।