Effects Of Childhood Bullying: बच्चों के बीच में नॉर्मल लड़ाई-झगड़ा होता ही है और यह उनकी विकास में भी वृद्धि करता है। लेकिन जब यह लड़ाई अपनी हद पार कर जाता है तब यह बदमाशी (bullying) का रूप ले लेता है जो बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर डालता है। बुलीइंग किसी भी तरीके की हो सकती है।
NIH Health के अनुसार, यह शारीरिक रूप से जैसे किसी को मारना, पीटना, हमला करना और चीजों की तोड़फोड़ करना आदि हो सकता है। इसके साथ ही यह मौखिक रूप से भी हो सकती है किसी को चिढ़ाना या अपशब्द बोलना। यह सामाजिक रूप से भी हो सकती है जैसे किसी की बदनामी करना, किसी के बारे में गलत अफवाह उड़ाना या किसी को अपने ग्रुप में से बाहर निकाल देना और उनके साथ बात नहीं करना। यह सब इसमें शामिल हो सकता है। आइये जानते हैं कि इसका कितना गहरा प्रभाव पड़ता है-
Childhood Bullying से आपके व्यक्तित्व पर पड़ते हैं ये 6 प्रभाव
- चाइल्डहुड बुलीइंग का आपकी मानसिकता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। आपके अंदर सेल्फ रिजेक्टिंग की भावना पैदा हो जाती है। अगर किसी माहौल में आपको स्वीकार भी किया जा रहा है लेकिन आप खुद को अस्वीकार कर देते हो। आप सोच लेते हो कि मुझे कोई भी वैल्यू नहीं करेगा।
- बुलीइंग के साथ व्यक्ति के सेल्फ एस्टीम को बहुत चोट पहुंचती है, जिस कारण वह उन स्थितियों को भी सहज मानने लगता है जो असल में असहज महसूस होती है या फिर उसे अच्छी नहीं लगती।
- बुलीइंग के साथ व्यक्ति के अंदर ऐसी भावना पैदा हो जाती है कि वह जिन लोगों के साथ बुरा होता है उनके साथ दया करता है लेकिन जो लोग बुरा कर रहे हैं उसके अंदर उनके लिए एक बदले की भावना पैदा हो जाती है।
- बुलीइंग इतनी बुरी चीज है कि अगर एक बच्चा दूसरे बच्चे के साथ यह कर रहा है तो बदले में वह बच्चा भी आगे बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार कर सकता है। क्योंकि उसे अपना अंदर शांत करना है। उसके अंदर एक बदले की भावना पैदा हो जाती है।
- ऐसे बच्चे बहुत अकेला महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई भी उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। उन्हें लगता है वह अच्छे नहीं है, उनकी कहीं पर भी वैल्यू नहीं होगी। उनके अंदर एक नकारात्मक रवैया पैदा हो जाता है जिस कारण वह खुद के साथ ही बुरा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं।
- इसके कारण हीन भावना पैदा हो जाती है हम खुद को हर पैमाने में काम मानने लग जाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप बहुत ज्यादा काम करने लग जाते हैं। ऐसे सिनेरियो में फिट होने लग जाते हैं जो उनके लिए बना भी नहीं है जो उनकी मानसिक सेहत के लिए बहुत बुरा है।