तो आइए आज एमा वॉटसन के बारे में जानते है की उन्होनें बचपन से लेकर आज तक एक मजबूत महिला बनने का सफर कैसे तय किया।
एमा वॉटसन का बचपन
एमा वॉटसन का जन्म फ्रांस की राजधानी पेरिस में 15 अप्रैल 1990 को हुआ था। उनके माता-पिता दोनों ही पेशे से वकील हैं। उनका एक छोटा भाई भी है। एमा जब केवल 5 साल की थीं तभी उनके पेरेंट्स का तलाक हो गया था और उनकी मां उन्हें और उनके भाई को लेकर इंग्लैंड चली गईं थीं। उन्होंने 2014 में अंग्रेजी साहित्य में B.A. के साथ graduation की पढ़ाई ब्राउन यूनिवर्सिटी, वॉर्सेस्टर कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की।
एमा को Hermione Granger का यादगार किरदार कैसे मिला?
केवल छह साल की उम्र में ही एमा को एक्टिंग में दिलचस्पी होने लगी थी। वे ऐक्टिंग को गंभीरता से लेने लगी थीं। इसके लिए उन्होंने एक थिएटर स्कूल में ऐडमिशन भी ले लिया था और अभिनय सीखना शुरू कर दिया। उन्होंने कई नाटकों में बेहतरीन अभिनय किया है। जिस थिएटर में वे एक्टिंग सीखती और करती थीं, एक दिन वहां की टीचर्स ने उन्हें बताया कि बेस्ट सेलिंग नॉवेल हैरी पॉटर की पहली किताब 'हैरी पॉटर एंड द फिलॉसफर्स स्टोन' पर फिल्म बन रही है जिसमें एक किरदार के लिए लगभग उन्हीं की उम्र की लड़की की खोज की जा रही है।
इसके बाद उन्होंने ऑडिशन लेने वाले लोगों से एमा को मिलवाया। इस किरदार के लिए लगभग आठ बार एमा का ऑडिशन हुआ था। किताब की लेखिका जे के राॅलिंग (JK Rowling) भी फिल्म बनाने में पूरी तरह से ऐक्टिव थीं। वो इस फिल्म में ऐसे ऐक्टर्स को लेना चाहती थीं, जो उनकी कहानी के लिए बिल्कुल सटीक हों। उन्होंने Hermione के किरदार के लिए पहले स्क्रीन टेस्ट में ही एमा को पसंद कर लिया था। लेकिन कई बार रिजेक्ट होने के बाद भी इस किरदार को पाने में एमा कामयाब रही थीं।
हैरी पाॅटर एंड द फिलाॅसफर्स स्टोन नवंबर 2001 में जब फिल्म रिलीज हुई तो बेहद सफल रही। फिल्म को तीन एकेडमी अवॉर्ड के लिए nominate भी किया गया था। एमा केवल 11 साल की उम्र में ही चाइल्ड सुपरस्टार बन गई थीं। फिर उन्होंने हैरी पॉटर सीरीज की बाकी फिल्मों में भी काम किया। Hermione के किरदार को एमा ने तेजी से मैच्योर mature किया और उनके ऐक्टिंग skills ने उनके co- actors डैनियल रेडक्लिफ (हैरी पॉटर) और रूपर्ट ग्रिंट (रॉन) को कड़ी टक्कर दी थी।
2001 से 2011 तक, वह सभी सात हैरी पॉटर फिल्मों में दिखाई दीं और एक इंटरनेशनल स्टार बन गईं क्योंकि उनकी फिल्में तेजी से लोकप्रिय हो गईं और लगातार सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ रही थी।
'Hermione' से 'लिटिल वीमेन' तक का सफर
जब थोड़ी बड़ी हुईं तो एमा वॉटसन खुद को एक ही इमेज से बाहर निकालना चाहती थीं। इसलिए 2007 में उन्होंने एक फिल्म 'बैले शूज' में लीड रोल निभाया जिसे खूब पसंद किया गया। हैरी पॉटर सीरीज के खत्म होने के बाद उन्होंने कई फिल्में की, जिनमें 'ब्यूटी एंड द बीस्ट' और 'लिटिल वीमेन' शामिल है जिन्हें देश विदेश में बहुत सराहा गया। एमा वाटसन ने अपने फिल्मी करियर को 'द पर्क ऑफ बीइंग द वॉलफ्लावर (2012) (The Perks of Being a Wallflower)' और 'द ब्लिंग रिंग (2013) The Bling Ring) जैसी फिल्मों में नई भूमिकाओं के साथ जारी रखा है। उन्होनें एक एपोकैलिटिक कॉमेडी ' This is the End' में भी ऐक्ट किया है।
एमा वॉटसन ने अपने अभिनय के लिए कई अवार्ड्स मिले जैसे कि नेशनल मूवी अवार्ड (2007) और 2010 तक उन्हें हॉलीवुड की सबसे अधिक कमाई करने वाली महिला सितारों के रूप में nominate किया गया था।
United Nations की गुडविल एम्बेसडर बनीं
एमा वॉटसन अपने फैशन सेंस के लिए भी फैशन इंडस्ट्री में काफी मशहूर हैं। वे मॉडलिंग भी करती हैं और एक सोशल वर्कर भी हैं। वे जगह-जगह घूमकर महिलाओं के अधिकारों के लिये लोगों को जागरूक करवाती हैंं। वे एक सोशल ऐक्टिविस्ट भी है और समय-समय पर अन्याय के खिलाफ बेबाक अपनी आवाज़ बुलंद करती हैं। 2014 में वे UN की वुमन गुडविल एंबेसेडर बनीं। भारत की बात करें तो अभी हाल फिलहाल में एमा ने कठुआ रेप केस से जुड़ी लॉयर दीपिका सिंह राजावत का ट्वीट करके हौसला बढ़ाया था। और तो और वे सभी लोगो के शिक्षा के समान अधिकार के लिए भी काम करती हैं।
ट्रांसजेंडर राइट्स पर खुलकर बोली एमा
एमा वॉटसन से पहले हैरी पॉटर के अभिनेता डेनियल रेडक्लिफ ने कहा था 'द ट्रेवर प्रोजेक्ट के अनुसार, 78 प्रतिशत ट्रांसजेंडर और युवाओं को लैंगिक पहचान के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है। हमें ट्रांसजेंडर का समर्थन करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें उनकी पहचान मिल सके।' इस बात पर एमा वाटसन ने ट्रांसजेंडर्स और उनके अधिकारों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि अपनी पहचान के बारे में सवाल किए बिना ट्रांसजेंडर्स को जीने का अधिकार है। एमा वाटसन ने ट्वीट किया कि 'ट्रांसजेडर वो हैं जो कहते हैं कि उन्हें अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है, बिना किसी भी सवाल का जवाब दिए।'
महिलाओं के हक़ और फेमिनिज्म पर एमा के विचार
2014 में एमा वॉटसन UN(United Nations) की वुमन गुडविल एंबेसेडर बनीं और बाद में न्यूयॉर्क से UN में उन्होनें सभी के लिये equality को लेकर एक स्पीच दिया था। उनकी स्पीच UN के महिला अभियान HeForShe का हिस्सा था, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के बीच समान अधिकारों के अभियान में अधिक पुरुषों को शामिल करने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने फेमिनिज्म को अपने शब्दों में इस प्रकार डीफाइन किया है
“The belief that men and women should have equal rights and opportunities. It is the theory of the political, economic and social equality of the sexes.” (फेमिनिज्म एक belief है जिसमें औरतों और मर्दों को समान अधिकार और opportunity मिले। फेमिनिज्म पुरुषों और महिलाओं के लिये एक पाॅलिटिकल, एकनॉमिक और सोशल equality है जिसमें दोनों का समान अधिकार है)
एमा का मानना है की पुरुषों और महिलाओं दोनों को संवेदनशील और मजबूत होने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए। इस स्पीच ने इंटरनेशनल कवरेज प्राप्त की और दुनिया के कई देशों से प्रशंसा प्राप्त की। हालांकि, इसकी वजह से एमा को बेनाम मौत की धमकी और नफरत वाले मेल भी मिले लेकिन उन्होंने डरने की बजाय अपने काम को अधिक dedication से जारी रखा है। एमा ने साबित कर दिया है की एक जाने पहचाने कलाकार का समाज और लोगों के प्रति जो कर्तव्य बनता है उसे कैसे निभाना चाहिये और कैसे आप अपने टैलेंट और resources का इस्तेमाल इस दुनिया को और बेहतर बनाने में कर सकते हैं।
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