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आज के वक्त में सोशल मीडिया कितना ज़रूरी हो गया है हम जानते ही हैं। सोशल मीडिया और चैटिंग का ज़रूरी हिस्सा बन गए हैं इमोजीस या इमोटिकॉन। हम सभी इमोजीस का प्रयोग करते होंगे। कोई ज़्यादा तो कोई थोड़ा कम। इमोजीस या इमोटिकॉन्स वह भावनाएँ व्यक्त करने में मदद करती हैं जो हम शब्दों में नहीं कह पाते हैं। कभी कभी यह हमारे बात के टोन को भी व्यक्त करते हैं।
स्माइली के अलावा भी बहुत सारे इमोजीस हैं जिनके अलग अलग मतलब होते हैं। कई इमोजीस को एम्पावरिंग भी समझा जाता है, ख़ास कर महिलाओं के लिए। साथ ही, इमोजीस में अलग अलग बॉडी टाइप, स्किन कलर आदि इन्क्लुड किया है जिससे एम्पावरमेंट बढ़ रही है।
5 प्रभावशाली और फेमिनिस्ट इमोजीस जिन्हें आप यूज़ कर सकते हैं -
1. पुलिस ऑफिसर
2010 में पोलिस ऑफिसर का इमोजी लॉन्च हुआ था, जिसका जेंडर ‘अनस्पेसिफाइड’ था, मगर बाल और चेहरे के कारण उसे पुरुष माना जाता था। कुछ ही समय पहले महिला पुलिस ऑफिसर का भी इमोजी लांच हुआ। उसके ज़रा लम्बे बाल, खुश आंखें और हल्की स्माइल है।
2. कंस्ट्रक्शन वर्कर
पोलिस ऑफिसर के इमोजी के तरह यह भी पहले केवल पुरुषों के लिए लॉन्च हुआ था और बाद में महिलाओं के लिए लांच हुआ।
असल ज़िन्दगी में पुलिस में महिला अफसर का होना ज़रूरी है क्योंकि एक महिला अपराधी को केवल एक महिला अफसर गिरफ्तार करने के लिए छू सकती है (मदद की बात अलग है), पर कंस्ट्रक्शन के लिए ऐसा कुछ नहीं है। इसे एक पुरुष प्रधान करियर भी समझा जाता है, हालांकि भारत (और कई सारे देशों) में बहुत सारे महिलाएँ कंस्ट्रक्शन साइट में मजदूरी करती हैं, ईंटे पत्थर उठाते हैं। इसलिए महिला कंस्ट्रक्शन वर्कर का इमोजी होना बहुत ही एम्पोवेरिंग है। यह बताता है कि लाखों महिला कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की मेहनत अनदेखी नहीं जा रही है। पैसों के साथ साथ उन्हें कदर भी मिल रही है।
3. फैमिली इमोजीस
कुछ ही महीने पहले तक फैमिली इमोजीस में केवल माता पिता और बच्चा या 2 बच्चे होते थे, मगर अभी सिंगल पैरेंट इमोजी भी इंक्लूड हुए हैं। सिंगल मॉम या सिंगल पिता वाले इमोजीस ने भी हमारे कीबोर्ड पर अपनी जगह बनाई हैं।
3. कपल इमोजीस
हेट्रोसेक्सुअल कपल के इमोजीस तो थे ही, ज़िन्दगी के अलग अलग पड़ाव पर, मगर अब होमोसेक्सुअल कपल्स को भी इंक्लूड किया गया है। यह LGBTQIA+ की इन्क्लूसिविटी और एम्पॉवरमेंट के लिए बहुत बड़ा कदम है, और बहुत ज़रूरी भी।
4. स्पोर्ट्स इमोजीस
स्पोर्ट्स को आज भी मर्दाना माना जाता है, जबकि महिला खिलाड़ी पुरुषों की अछि बराबरी करते हैं। कई देशों में तो महिला खिलाड़ी के टिम्स पुरुषों उसके देश के पुरुष के टीम्स से ज़्यादा मेडल्स जीतते हैं। भारत के ओलंपिक्स की कई सालों से यही कहानी है।
ऐसे में महिला के स्पोर्ट्स खेलने वाले इमोजीस की कमी काफी खटक रही थी। बाकियों के तरह महिला के स्पोर्ट्स इमोजीस उनके पुरुष इमोजीस से पहले रिलीज़ हुए थे। मगर देर आए दुरुस्त आए। अब आप अपने लिए खेलने वाले इमोजीस का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे की बास्केटबाल, गोल्फ, हॉकी, स्विमिंग।
5. वर्किंग वीमेन
डेस्क का काम, साइंटिस्ट, टीचर, डॉक्टर, किसान, इलेक्ट्रीशियन, यह सारी इमोजीस अब उनके महिला रूप में भी उपलब्ध है। फेमिनिज़्म के लिए करियर और घर के काम में इन्क्लूसिविटी ज़रूरी है, एमोजिस में भी।