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क्या होना चाहिए प्रेगनेंसी के दौरान पिता का रोल

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Swati Bundela
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जब एक औरत प्रेगनेंट होती है तो उस प्रेगनेंसी के मायने सिर्फ मां के लिए नहीं होते बल्कि पिता के लिए भी होते है। प्रेगनेंसी का टाइम पीरियड सिर्फ माँ के लिए चैलेंजिंग नहीं होता ,ये टाइम माँ के साथ - साथ पिता के लिए भी कई नए चैलेंजिंस लाता है। कभी - कभी एक पिता के लिए ये समझना बहुत मुश्किल हो जाता है के वो अपनी बीवी की प्रेगनेंसी में किस तरह मदद करे। खासतौर पर ऐसी सिचुएशन तब आती है जब आप पहली बार माँ - बाप बनते है। प्रेगनेंसी में पिता का रोल बहुत ज़रूरी होता है

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प्रेगनेंसी के दौरान फादर का रोल उतना ही इम्पोर्टेन्ट है जितना एक माँ का होता है इसलिए शी द पीपल का आज का ये आर्टिकल उन फ्यूचर फादर्स के लिए हैं जिनकी वाइफ प्रेगनेंट है और वो उन्हें मैन्टली और फिजिकली सपोर्ट करना चाहते है।

प्रेगनेंसी के दौरान पिता का रोल

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आप अपने पार्टनर को सपोर्ट करते है तभी ये आर्टिकल पढ़ रहे है। प्रेगनेंसी की शुरुवात से ही माँ के बॉडी में चेंजिज़ आने लगते है , इसके साथ - साथ  इमोशनली चेंजिस भी आते है। क्रेविंग , जी मिचलाना , ओवर थिंकिंग , बार - बार टॉयलेट जाना जैसी और भी परेशानिया होने लगती है। फादर को इन सभी चेंजिस को पॉजिटिव तरीके से हैंडल करने में अपने पार्टनर की मदद करनी चाहिए। आइये जाने आप अगले नौ महीने अपने पार्टनर की हैल्प कैसे कर सकते है :

घर के कामो में मदद कराये 

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प्रेगनेंसी के दौरान माँ की तबियत में कभी भी बदलाव आ जाता है , जिसकी वजह से उन्हें घर के काम करने में दिक्कत आती है। आपको  एज़ अ रेस्पोंसिबल फादर होने के नाते उनकी हैल्प करनी चाहिए।  अगर उनकी तबियत ठीक नहीं है तो आप खुदसे ब्रेकफास्ट बना दे, घर की सफाई करदे। ऐसा करने से आपकी पार्टनर पर अकेले काम का प्रेशर नहीं पड़ेगा।

इमोशनली सपोर्ट करे

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प्रेगनेंसी के दौरान कई बार माँ खुदको ले के डाउट या चिंता करने लगती है , उन्हें इस बात की चिंता होती है के वो एक अच्छी माँ बन पायेगी या नहीं या बेबी के आने के बाद पार्टनर के साथ रिश्ता पहले जैसा रहेगा या नहीं। ऐसी बाते दिमाग में ना आये या अगर आये भी तो ये फादर ज़िम्मेदारी है के आप अपने पार्टनर को भरोसा दिलाये के आप दोनों मिल के सबकुछ हैंडल कर लोगे।

मेडिकल ट्रीटमेंट्स में साथ रहे

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जब माँ डॉक्टर के पास जाती है तो कोशिश करे उसके साथ जाये हालांकि हर बार साथ जाना पॉसिबल नहीं हो पता लेकिन कम से कम माइलस्टोन अपॉइंटमेंट (अल्ट्रासाउंड के लिए, स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए) के टाइम पर अपने पार्टनर साथ रहने की पूरी कोशिश करें।घर आने पर उससे पूछे "डॉक्टर ने क्या कहा ?", "रिपोर्ट्स नॉर्मल है ना ?"

तारीफ कर के सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाये

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प्रेगनेंसी के दौरान माँ का पेट धीरे - धीरे आगे की ओर बढ़ता है ओर वो पहले की तरह स्लिम नज़र नहीं आती। ये बात कई बार उन्हें स्ट्रेस देती  है इसलिए आपको अपने पार्टनर को ये महसूस करना होगा के वो आज भी उतनी ही सूंदर ओर प्यारी है जितनी पहले थी।

फ्यूचर प्लान डिसकस करे

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अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताये , उसके साथ मिल के फ्यूचर प्लान बनाये बेबी के लिए जो भी सोचा है एक दूसरे से शेयर करे। उसके मन में क्या बाते चल रही है यह जानने और समझने की कोशिश करे।



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सेहत father's role in pregnancy प्रेगनेंसी में पिता का रोल
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