Female Representation In Parliament Of India: 2024 में चुनाव आ रहे हैं। इस बार 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव लड़े जाएंगे। अप्रैल और मई के बीच 543 सांसदों के लिए चुनाव हो सकते हैं। मौजूदा सरकार की बात की जाए तो 'नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस' हैं जिसमें बीजेपी का सबसे बड़ा हिस्सा है और प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' हैं। इस बीच यह भी जानना जरूरी है कि महिलाओं की संसद में क्या स्थिति है और भागीदारी है। कुछ समय पहले ही लोकसभा और राज्यसभा में 'महिला आरक्षण बिल' भी पास किया गया था आने वाले समय में इसके परिणाम भी हमें देखने को मिलेंगे। आइये जानते हैं कि अभी मौजूदा समय में भारत की संसद में महिलाओं की क्या स्थिति है।
2024 Elections: जानिए महिलाओं की संसद में कितनी भागीदारी है?
Data
17वीं लोक सभा में महिलाओं की भागीदारी आजादी के बाद सबसे ज्यादा है। 2019 चुनाव में 543 सांसद चुने गए थे जिनमें महिलाओं की संख्या 78 हैं जो हाउस का 14% है। वहीं राज्य सभा में 224 कुल सांसदों में महिलाओं की संख्या 24 हैं। देश की सत्ता में 6 महिलाएं मंत्री पद पर हैं। इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की तरफ से एक रिपोर्ट 2022 में शेयर की गई जिसमें भारत का रैंक 193 देशों में 149 हैं। यह रिपोर्ट लोक सभा में महिलाओं के हिस्सेदारी के ऊपर है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो 26% महिलाएं सांसद है जो कि बहुत कम है। इस रिपोर्ट के अनुसार न्यूजीलैंड एक ऐसा देश है जो 2022 तक संसद में 50% महिला प्रतिनिधित्व का दावा करता है। इलेक्शन कमिशन ऑफ़ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार आजादी के बाद महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% तक भी नहीं बढ़ा है।
Challenges
राजनीति में शामिल होने के लिए महिलाओं के सामने बहुत सारे चैलेंज हैं। सबसे बड़ा चैलेंज है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले से कम एक्स्पोज़र मिलता है। अभी भी समाज 'मर्द प्रधान' है, जहां पर महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी कीमतें अदा करनी पड़ती है। सबसे पहले समाज पितृसत्ता सोच पर आधारित है जो महिलाओं का आगे बढ़ाना बिल्कुल भी पसंद नहीं करता है। उन्हें यह कतई पसंद नहीं कि एक महिला के द्वारा देश चलाया जाए। बदलाव लाने के लिए हमें आसपास की सोच बदलनी होगी। हमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा देना होगा, सिर्फ बातों में नहीं अपने कर्मों में भी उसे दिखाना पड़ेगा। इससे ही हम देश में बराबरी ला पाएंगे।
Women Reservation Bill
राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2023 में सरकार के द्वारा 'महिला आरक्षण बिल' लाया गया है। इसे संसद के दोनों हाउस से मंजूरी मिल गई है। इस बिल के आने से लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की 33% सीटें आरक्षित हो जाएगी। यह बिल महिलाओं को राजनीति में सशक्त कर सकता है और लैंगिक असमानता के लिए एक अहम कदम है।