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आसान शब्दों में समझें तो सेक्स करने में दिक्कत आना। भारत में आदमियों के सेक्शुअल इशुज़ और उपचार पर तो बात होती है लेकिन जब बात महिलाओं की हो तब टोटल खामोशी। इसलिए ज़रूरी है कि महिलाएं अपनी बीमारी को खुद समझें और उसका इलाज भी कराएं। फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन (Female Sexual Dysdfunction) में ये भी हो सकता है कि पार्टनर सेक्स में इंट्रस्टेड न होने की प्रॉबलम से जूझ रही हो। इसे महिला यौन अक्षमता भी कहा जाता है। इस शब्द का उपयोग किसी ऐसे पर्सन के लिए किया जाता है, जो सेक्स करते टाईम अपने पार्टनर का साथ नहीं देते।
Female Sexual Dysfunction के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं
-सेक्स के दौरान वजाइना में पर्याप्त मॉइस्चर न बनना
-सेक्स के दौरान भी उसमें मन न लगना
-ऑर्गास्म न होना
-सेक्स के दौरान दर्द होना
अब आप सोच रही होंगी कि आखिर ऐसा होता क्यों है, इसकी वज़ह क्या है? तो आइए जानते है इसके कारण
-वेजाइनल ड्राइनेस
-डाईबीटीज़
-दिल की बीमारी
-एनोर्गैज्मिया भी फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन का एक बड़ा कारण है।
-हॉर्मोन्स में बदलाव
-महिलाओं के लिए यह एक इमोशनल इशू है। पिछले बुरे एक्सपीरियंस के वज़ह से कुछ महिलाएं इमोशनल टूट जाती हैं। वर्तमान में बुरे अनुभवों के कारण मेंटल प्रॉब्लम या फिर डिप्रेशन इसका कारण हो सकता है।
अगर आप में इन कारणों के वज़ह से फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन (Female Sexual Dysfunction) के कोई लक्षण नज़र आ भी रहे हैं तो आपको घबराने की ज़रूरत नही है, हम आपको इसका सॉल्यूशन भी बताते है।
फीमेल सेक्शुअल डिसफंक्शन का इलाज उसके होने के वजह पर निर्भर करता है कि आपको किस वजह से ये बीमारी है। मतलब हर महिला की वजह अलग हो सकती है. इसलिए इसका इलाज भी अलग होता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द मिलें। साथ ही आप घर बैठे कुछ तरीकें अपना सकती है, जैसे
-सेक्शुअल बुक्स पढ़ना व विडियों देखना
-मास्टरबेशन करना
-लुब्रिकेंट का यूज़ करना
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