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हमारे देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब हेलीकाप्टर पायलट की ट्रेनिंग के लिए 2 महिलाओं का सिलेक्शन हुआ है। इनकी ट्रेनिंग देश के सबसे प्रीमियर इंस्टिट्यूट कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल, नासिक में होगी। ये महिलाएं कुल 47 लोगों की बैच का हिस्सा बनेंगी जिनकी कॉम्बैट पायलट ट्रेनिंग ऑफिसर्स के अनुसार बहुत जल्द ही शुरू होगी। इस ट्रेनिंग की समाप्ति जुलाई 2022 में होगी जिनके बाद सारे ट्रैनीस फ्रंटलाइन ड्यूटीज ज्वाइन करेंगे।
महिला आर्मी ऑफिसर्स को आर्मी के एविएशन विंग ऑप्ट करने के प्रपोजल को कुछ महीनें पहले ही आर्मी चीफ जेनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हामी भरी थी। जहाँ इंडियन नेवी और इंडियन एयर फाॅर्स में महिला ऑफिसर्स को हेलीकाप्टर उड़ाने की परमिशन है, आर्मी एविएशन कॉर्प्स में अब तक केवल पुरुषों का ही सिलेक्शन होता था। महिलाओं की आर्मी एविएशन कॉर्प्स में अब तक सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी ही रही है।
नवंबर 1986 में बना था आर्मी एविएशन कॉर्प्स। इस संगठन में ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स, चेतक, चीता और चेतल हेलीकाप्टर को यूज़ किया जाता है। इस संगठन का में काम है हाई अल्टीट्यूड रीजंस जैसे की सियाचिन ग्लेशियर्स पर इंडियन आर्मी की डिप्लॉयमेंट को सपोर्ट करना। अपने निर्माण से लेकर आज तक ये संस्था अपना काम बखूबी कर रही है।
साल 1992 में पहली बार इंडियन मिल्टरी में महिलाओं को मेडिकल विंग के अलावा दूसरे ब्रांचेज हिस्सा लेने का मौका मिला था। तब से ले कर अभी तक महिलाएं इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फाॅर्स कुछ ब्रांचेज जैसे टैंक्स और इन्फेंट्री के कम्बैट पोसिशन्स को छोड़ कर लगभग हर क्षेत्र में काम कर चुकी हैं। दिन प्रतिदिन महिलाओं के लिए इंडियन मिलिट्री में अवसर और भी बढ़ते जा रहे हैं।
अगर मेडिकल विंग, जहाँ महिलाओं ने काफी दशकों से काम किया है को छोड़ दिया जाए तो इस समय इंडियन आर्मी में कुल 6807, इंडियन एयर फाॅर्स में 1607 और इंडियन नेवी में 704 महिला ऑफिसर्स कार्यरत है। इसी साल मई में पहली बार महिलाओं का इंडक्शन नॉन-अफसर कैडर के कॉर्प्स ऑफ़ मिलिट्री पुलिस में भी हुआ है।
आर्मी चीफ ने किया था प्रपोजल को किया था एक्सेप्ट
महिला आर्मी ऑफिसर्स को आर्मी के एविएशन विंग ऑप्ट करने के प्रपोजल को कुछ महीनें पहले ही आर्मी चीफ जेनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हामी भरी थी। जहाँ इंडियन नेवी और इंडियन एयर फाॅर्स में महिला ऑफिसर्स को हेलीकाप्टर उड़ाने की परमिशन है, आर्मी एविएशन कॉर्प्स में अब तक केवल पुरुषों का ही सिलेक्शन होता था। महिलाओं की आर्मी एविएशन कॉर्प्स में अब तक सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी ही रही है।
1986 में बना था आर्मी आवेशन कॉर्प्स
नवंबर 1986 में बना था आर्मी एविएशन कॉर्प्स। इस संगठन में ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स, चेतक, चीता और चेतल हेलीकाप्टर को यूज़ किया जाता है। इस संगठन का में काम है हाई अल्टीट्यूड रीजंस जैसे की सियाचिन ग्लेशियर्स पर इंडियन आर्मी की डिप्लॉयमेंट को सपोर्ट करना। अपने निर्माण से लेकर आज तक ये संस्था अपना काम बखूबी कर रही है।
1992 में पहली बार मिली थी महिलाओं को आर्मी ज्वाइन करने की आज़ादी
साल 1992 में पहली बार इंडियन मिल्टरी में महिलाओं को मेडिकल विंग के अलावा दूसरे ब्रांचेज हिस्सा लेने का मौका मिला था। तब से ले कर अभी तक महिलाएं इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फाॅर्स कुछ ब्रांचेज जैसे टैंक्स और इन्फेंट्री के कम्बैट पोसिशन्स को छोड़ कर लगभग हर क्षेत्र में काम कर चुकी हैं। दिन प्रतिदिन महिलाओं के लिए इंडियन मिलिट्री में अवसर और भी बढ़ते जा रहे हैं।
क्या है इंडियन मिल्टरी में महिला ऑफिसर्स के आकड़ें
अगर मेडिकल विंग, जहाँ महिलाओं ने काफी दशकों से काम किया है को छोड़ दिया जाए तो इस समय इंडियन आर्मी में कुल 6807, इंडियन एयर फाॅर्स में 1607 और इंडियन नेवी में 704 महिला ऑफिसर्स कार्यरत है। इसी साल मई में पहली बार महिलाओं का इंडक्शन नॉन-अफसर कैडर के कॉर्प्स ऑफ़ मिलिट्री पुलिस में भी हुआ है।