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"गार्डनिंग हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में एक तरह का अनुशासन लाती है"- उन्नति कोप्पिकर

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Swati Bundela
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1.आपने गार्डनिंग करना कब शुरू किया?


मुझे हमेशा से गार्डनिंग में दिलचस्पी रही है। मैंने अपना छोटा सा गार्डन तब शुरू किया जब मैं 24 साल की थी । जब मैंने टेरेस गार्डनिंग शरू की थी, तब मेरे पास सिर्फ 4 -5 पौधों थे और आज 100 से भी अधिक पौधों से मेरा टेरेस गार्डन भर गया हैं।
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2 आप गार्डनिंग में कौन - कौन से पौधे उगाती हैं ?


मेरे टेरेस गार्डन में अलग अलग प्रकार के पौधे हैं। मोगरा, चमेली, गुलाब, हिबिस्कस, गेंदा फूल जैसे कुछ फूल वाले पौधे हैं। मेरे गार्डन में अलग -अलग तरह के हैंगिंग प्लांट्स, आउटडोर प्लांट्स हैं। घर के अन्दर रखने वाले कुछ इंडोर प्लांट्स भी मैंने उगाये है जैसे की स्नेक प्लांट, सिंगोनियम, मनी प्लांट, रबर प्लांट इत्यादि। टेरेस गार्डन में मेरे कुछ पानी में रहने वाले पौधे भी हैं (एक्वेटिक प्लांट्स)। मुझे अपने टैरेस गार्डन में सब्ज़िया उगने का शॉक हमेशा से रहा है। इसलिए मैंने बहुत सारी सब्ज़िया उगाई है जैसे की भिंडी, बैंगन, टमाटर , ग्वार फली, पुदीना, धनिए, कदीपता, पालक , हल्दी, अजवाईन इत्याद।
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3.आपके अनुसार बाकी लोगों को गार्डनिंग को अपने जीवन का हिस्सा क्यों बनाना चाहिए ?


गार्डनिंग सिर्फ जमीन के एक टुकड़े पर पौधों और सब्जियों को उगाने के बारे में नहीं है। यह हमारे जीवन में कुछ बेहतरीन लाभ प्रदान करता है। गार्डनिंग आपके मन और शरीर के लिए बहुत अच्छा है। गार्डनिंग हमें शारीरिक तौर से सक्षम भी बनाता है। उसके साथ ही, यह आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। एक स्ट्रेस्फुल दिन के बाद थोड़ी देर गार्डनिंग करने से सारा तनाव दूर हो जाता है। गार्डन के फूल और पत्तियों से आकर्षित चिड़ियों को देख कर मन बड़ा प्रसन्न हो जाता है एक अलग तरह की ख़ुशी महसूस होती है। गार्डनिंग करने के दौरान जब आप अपने पेड़ों को बढ़ते देख , फूलों को खिलने देख और आपके बोये बीजों को उगते हुए देख मन को बहुत संतुष्टि होती है।
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4. गार्डनिंग हमे रोज़मर्रा के जीवन में किस तरह से मदद करती है?


गार्डनिंग हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में एक तरह का अनुशासन लाती है। क्यूंकि हमारे ऊपर इन पोधो का देखभाल करने की ज़िम्मेदारी होती है जैसे की उनको पानी देना, खाद देना, अच्छे से देखभाल करना । यदि गार्डनिंग को आपकी दिनचर्या में लाया जाये, तो यह आपको प्रकृति से जोड़ता है और आपके जीवन से तनाव को भी दूर करता है। कई रीसर्चर्स ने पता लगाया है कि 30 मिनट गार्डनिंग करने से न केवल टेंशन कम हो सकता है लेकिन इसके साथ साथ हार्ट बीट और ब्लड -प्रेशर में सुधार होता है। एक और दिलचस्प बात गार्डनिंग की यह है की जो आनंद घर पे उगाये हुए सब्ज़ियों और फलो का है वह आपको कहीं नहीं मिलता। यह एक अद्भुद ख़ुशी देने वाला शौक है। घर में पौधों को रखने का भी एक लाभ है, एयर प्यूरीफायिंग प्लांट्स (air purifying plants) जैसे स्नेक प्लांट्स, सिंगोनियम जैसे पौधे हवा को ताज़ा रखने मई मदद करते है, साथ ही यह कमरे की सुंदरता को बढ़ाते हैं। इनके वजह से मुझे लगता है की गार्डनिंग को हमे आपने जीवन का एक हिस्सा बनाना चाहिए।
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गार्डनिंग हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में एक तरह का अनुशासन लाती है। क्यूंकि हमारे ऊपर इन पोधो का देखभाल करने की ज़िम्मेदारी होती है जैसे की उनको पानी देना, खाद देना, अच्छे से देखभाल करना । यदि गार्डनिंग को आपकी दिनचर्या में लाया जाये, तो यह आपको प्रकृति से जोड़ता है और आपके जीवन से तनाव को भी दूर करता है। - उन्नति कोप्पिकर


5. आपका लॉक डाउन में गार्डनिंग का एक्सपीरियंस कैसा रहा ?

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लॉकडाउन के दौरान मेरा गार्डनिंग का अनुभव अद्भुत था क्योंकि इस दौरान मैं अपने पौधों के साथ ज़्यादा वक़्त गुज़ार सकती थी । मैं कई गार्डनिंग आइडियाज को इस लॉकडाउन के समय में फॉलो कर पायी । गार्डनिंग से संबंधित कार्य जो लंबे समय से रुके हुए थे उन सब को मैं फॉलो कर पायी। लॉकडाउन के दौरान मैंने अपने टेरेस गार्डन को सजाने के लिए घर पे ही हैंगिंग प्लांटर्स बनाये, अब इन् हैंगिंग प्लांट्स ने मेरे टेरेस गार्डन को और भी सुन्दर बना दिया है। लॉकडाउन के दौरान मैंने घर पे उगाने के लिए सब्जियों की एक लिस्ट बनायीं थी , इन सब्ज़ियों को उगाने के लिए मुझे बहुत दिनों से मन करता रहा था लेकिन कभी समय नहीं दे पायी थी। इस लॉकडाउन का पूर्ण इस्तेमाल करते हुए मैंने ग्वारफली, भिन्डी, बैंगन और पालक जैसी सब्ज़िया उगाई।

6.क्या गार्डनिंग करने के लिए हमे किसी हाई इन्वेस्टमेंट या हेल्प की ज़रूरत है या कोई भी आसानी से गार्डनिंग कर सकता है ?


नहीं बिलकुल नहीं। अपना बगीचा शुरू करने के लिए किसी हाई इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं है। आपको एक गार्डन शुरू करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए, बस कुछ पौधे चाहिए होंगे जो आप लोकल नर्सरी से खरीद सकते हैं या अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के घर से कुछ पोधो की कटाई ला सकते हैं। यह पौधे आप से कुछ ज़्यादा मंगाते नहीं है। उन्हें बस कुछ धूप, पानी और आपके प्यार की आवश्यकता है। पौधों को कभी-कभी खाद की जरूरत होती है जिसे घर पर भी तैयार किया जा सकता है। मैं अपनी रसोई से बचे हुए सब्जी के छिलकों से घर पर खाद तैयार करती हूं जिसे हम कम्पोस्ट कहते है । यह खाद पौधों के लिए उत्तम है।

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