Toxic Parenting: टॉक्सिक पैरेंट को हम इस तरह से डिफाईन कर सकते हैं कि ऐसे पेरेंट्स जो अपने बच्चों के साथ टॉक्सिक बेहेवियर मेन्टेन करते हैं। ऐसे एनवायरनमेंट में रहने से कई बार बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य काफी हद तक बिगड़ सकता है। एक टॉक्सिक पैरेंट आम तौर पर अपने बच्चों के फीलिंग्स की ज़्यादा कदर नहीं करते हैं और उनके साथ गलत तरीके से बेहव करने के बाद वो माफ़ी मांगना भी ज़रूरी नहीं समझते हैं। ऐसा भी होता है की पेरेंट्स अपने टॉक्सिक ट्रेट्स (Toxic Traits) को जल्दी नहीं पहचान पाते हैं जिस कारण भी इसमें सुधार नहीं होता है।
जानिए 5 ऐसे ही टॉक्सिक पैरेंट ट्रेट्स के बारे में:
1.बॉउंडरीज़ की रेस्पेक्ट ना करना
टॉक्सिक पेरेंट्स अपने बच्चे की लिमिट्स को अपने फायदे के लिए बार-बार पुश करते हैं। ऐसे पेरेंट्स आम तौर पर अपने बच्चे की लिमिट्स को बहुत अच्छे से समझते हैं और उसे हमेशा अपनी बात मनवाने के लिए यूज़ करते हैं। कई बार ऐसे सिचुएशन में बच्चे फ़्रस्ट्रेशन में आ कर अपने पेरेंट्स की बात मान लेते हैं।
2.बच्चों को लेकर कंट्रोलिंग होना
एक टॉक्सिक पैरेंट आम तौर पर अपने बच्चे की प्राइवेसी को भंग करते रहते हैं। वो अपने बच्चे की ज़िन्दगी को इस हद तक कण्ट्रोल (Control) करने लगते हैं की उनको अपने लिए कभी कोई डिसिशन भी नहीं लेने देते हैं। कई बार तो बच्चे के बड़े हो जाने के बाद उसके डिशन्स की आलोचना की जाती है।
3.फिजिकली या वर्बली अब्यूस करना
अपने बच्चे को फिजिकली अब्यूस (Physically Abuse) करने के लिए उसे मारना या छोटी-छोटी बातों पर उस पर चिल्लाना आपको एक टॉक्सिक पैरेंट बनाता है।इसके अलावा कई और भी सूक्ष्म प्रकार के अब्यूस होते हैं जैसे की गैसलिट करना, साइलेंट ट्रीटमेंट देना या फिर ब्लेम-गेम खेलना। अगर आप ऐसी चीज़ें करते हैं तो इन्हें सुधारने की कोशिश करें।
4.सच बोलने पर भी बच्चे को डांटना
बच्चे गलती करें और फिर उस गलती को मानकर माफी मांग लें तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आप अपने बच्चे के सच बोलने पर भी उसे डांटते या फटकार लगाते हैं तो ये सही नहीं है। आपको ये बात समझनी चाहिए कि सच बोलने और अपनी गलती को मानने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है और आपके बच्चे में वो हिम्मत है।
5.प्रोत्साहित न करना
जब बच्चे सही करते हैं तो उन्हें प्रोत्सोहित करने या उनकी तारीफ करने की जरूरत होती है। वहीं, अगर आप हर बात पर अपने बच्चे को सीख ही देते हैं और उसके द्वारा किए गए कामों की प्रशंसा नहीं करते हैं तो आप एक बुरे पैरेंट हो सकते हैं। वहीं, जो पैरेंटस अपने बच्चों को दुलार नहीं दिखाते हैं या उनसे खुलकर प्यार नहीं करते हैं, वहां भी बच्चे अपने पैरेंटस से इमोशनली दूर होने लगते हैं।