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Photograph: (Freepik)
हमारे समाज में हमेशा महिलाओं को बताया जाता है कि उन्हें कैसे दिखना चाहिए, कैसे व्यवहार करना चाहिए और कैसे अपनी ज़िंदगी जीनी चाहिए। ऐसे माहौल में खुद से प्यार करना (Self-Love) समाज के खिलाफ एक बगावत की तरह लगता है क्योंकि आज भी समाज को यह स्वीकार नहीं है कि महिलाएँ अपनी शर्तों पर जीवन जिएँ। लेकिन सेल्फ-लव का मतलब सेल्फिश होना नहीं है। इसका असली अर्थ है अपने मूल्य को समझना, अपनी ज़रूरतों का सम्मान करना और खुद को इम्प्रेस करना।
Self Love: समाज के खिलाफ सबसे खूबसूरत बगावत
खुद से प्यार से बात करें
हम अक्सर खुद को कम आंकते रहते हैं जैसे, "मैं अच्छी नहीं हूँ, मैं सुंदर नहीं हूँ, मैं काबिल नहीं हूँ।” लेकिन जब हम खुद से प्यार से बोलना शुरू करते हैं, अपनी गलतियों को भी स्वीकार करते हैं, तभी हम अपने भीतर सहजता महसूस करते हैं।
छोटी-छोटी जीत को सेलिब्रेट करें
हम सोचते हैं कि खुशी तभी मिलेगी जब बड़ी सफलता मिलेगी। लेकिन असल में खुशी उन छोटे-छोटे पलों में छुपी है जैसे सुबह जल्दी उठना, एक काम पूरा करना, खुद के लिए ब्रेक लेना। इन छोटी जीतों को सेलिब्रेट करना ज़रूरी है।
अपने इमोशंस को लिखें
कई बार हमें समझ ही नहीं आता कि हम क्या महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अपनी भावनाएँ लिखना बहुत मददगार होता है। यह न सिर्फ हमें क्लैरिटी देता है बल्कि हमारे दुख और दर्द को हल्का भी करता है।
दूसरों से तुलना करना छोड़ें
समाज ने हमें हमेशा यह महसूस कराया है कि हम दूसरों से कमतर हैं। लेकिन असल में हर इंसान की खूबसूरती और ताकत अलग होती है। तुलना छोड़कर अपनी अच्छी बातों को हाइलाइट करें और हर दिन खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
अपने आप को व्यक्त करें
चाहे वह फैशन के ज़रिए हो, शब्दों के ज़रिए या किसी और तरीके सेअपने आप को व्यक्त करना शुरू करें। जब आप अपनी आवाज़ को पहचान लेंगे और समाज की जजमेंट की परवाह करना छोड़ देंगे, तब कोई भी आपको रोक नहीं पाएगा।
खुद से प्यार करना कोई लक्ज़री नहीं बल्कि एक ज़रूरत है। यह हमें सिखाता है कि हम भी मायने रखते हैं, हमारी भावनाएँ और हमारी ज़रूरतें भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। जब महिलाएँ खुद को प्यार करना सीख जाती हैं, तो वे न सिर्फ अपनी ज़िंदगी जीती हैं बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन जाती हैं।