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जहाँ कोविड के कारण हर चीज़ पे एफेक्ट पर रहा है वहीँ पीरियड्स भी इससे अछूता नहीं है। एक रीसेंट सर्वे के अनुसार देश में कुल 41 प्रतिशत महिलाओं ने एक्सपीरियंस किया है कोविड के कारण इर्रेगुलर पीरियड्स। ऐसा नहीं है की ये पीरियड गैप कोरोना पॉजिटिव होने के कारण हो रहा है क्योंकि इस सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं में केवल 13 प्रतिशत महिलाएं कोविड पॉजिटिव थीं। जानें क्यों हो रहा है महिलाओं में ये पीरियड गैप:
जैसे जैसे ये महामारी आगे बढ़ रही है लोगों में इसके वजह से कई नई तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। चाहे ज़िन्दगी और मौत का डर हो या फिर फाइनेंसियल इन्सेक्युरिटी का खतरा कोरोना के कारण सबके स्ट्रेस लेवल में इजाफा हुआ है। ऐसे में घर और अपने करियर को सँभालते हुए महिलओं के हेल्थ पे बहुत असर पर रहा है। इसी के वजह से हो रही है उनके पीरियड्स में इर्रेगुलरिटी।
घर में रहने के कारण कई महिलाओं ने अपने लाइफस्टाइल और डेली रूटीन में बदलाव किए हैं। ये बदलाव उनके स्ट्रेस लेवल को तो बढ़ा ही रहा है साथ-साथ उनके शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंसेस को भी बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में पीरियड्स में इर्रेगुलरिटी होना स्वाभाविक है।
आम तौर पर एक मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का होता है। लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है की वर्कलोड और स्ट्रेस के कारण आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल 35 दिन का हो जाए। ऐसे सिचुएशन में आपके पीरियड्स का लेट होना स्वाभाविक है।
पोल्य्सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक ऐसा कंडीशन है जहाँ आपके ओवरी में बहुत सारे सिस्ट्स बन जाते हैं। अगर कोई महिला इससे गुज़र रही है तो वो हर महीने ओव्युलेट नहीं करती है। ऐसे में एक निर्धारित समय में पीरियड्स नहीं आते हैं। आपका अगर वज़न बहुत बढ़ा हुआ है या फिर आपके शरीर में बहुत एक्ने और आपके पीरियड्स इर्रेगुलर है तो आप तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
अगर आपके थाइरोइड में डिसऑर्डर है तो ये आपके शरीर के मेटाबोलिज्म को एफेक्ट कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका थाइरोइड ग्लैंड इर्रेगुलर्ली हॉर्मोन सेक्रेटे करता है। ऐसे में आपके पीरियड्स लेट हो सकते हैं।
1. स्ट्रेस लेवल में बढ़ोतरी
जैसे जैसे ये महामारी आगे बढ़ रही है लोगों में इसके वजह से कई नई तरह की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। चाहे ज़िन्दगी और मौत का डर हो या फिर फाइनेंसियल इन्सेक्युरिटी का खतरा कोरोना के कारण सबके स्ट्रेस लेवल में इजाफा हुआ है। ऐसे में घर और अपने करियर को सँभालते हुए महिलओं के हेल्थ पे बहुत असर पर रहा है। इसी के वजह से हो रही है उनके पीरियड्स में इर्रेगुलरिटी।
2. हार्मोनल इम्बैलेंसेस
घर में रहने के कारण कई महिलाओं ने अपने लाइफस्टाइल और डेली रूटीन में बदलाव किए हैं। ये बदलाव उनके स्ट्रेस लेवल को तो बढ़ा ही रहा है साथ-साथ उनके शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंसेस को भी बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में पीरियड्स में इर्रेगुलरिटी होना स्वाभाविक है।
3. मेंस्ट्रुअल साइकिल का लम्बा होना
आम तौर पर एक मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का होता है। लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है की वर्कलोड और स्ट्रेस के कारण आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल 35 दिन का हो जाए। ऐसे सिचुएशन में आपके पीरियड्स का लेट होना स्वाभाविक है।
4. पोल्य्सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
पोल्य्सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक ऐसा कंडीशन है जहाँ आपके ओवरी में बहुत सारे सिस्ट्स बन जाते हैं। अगर कोई महिला इससे गुज़र रही है तो वो हर महीने ओव्युलेट नहीं करती है। ऐसे में एक निर्धारित समय में पीरियड्स नहीं आते हैं। आपका अगर वज़न बहुत बढ़ा हुआ है या फिर आपके शरीर में बहुत एक्ने और आपके पीरियड्स इर्रेगुलर है तो आप तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
5. थाइरोइड डिसऑर्डर
अगर आपके थाइरोइड में डिसऑर्डर है तो ये आपके शरीर के मेटाबोलिज्म को एफेक्ट कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका थाइरोइड ग्लैंड इर्रेगुलर्ली हॉर्मोन सेक्रेटे करता है। ऐसे में आपके पीरियड्स लेट हो सकते हैं।