How to Foster Self– Dependence in Children: बदलते समाज में जहां बच्चों के ऊपर अनेक जिम्मेदारियां आते जा रही हैं उन को सही ढंग से निभाने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। अभिभावकों के ऊपर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की जिम्मेदारी किसी चुनौती से कम नहीं। आत्मनिर्भरता न केवल बच्चों को अपने जीवन में सफल बनाने का काम करती है बल्कि उनमें आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता और समस्याओं का डटकर सामना करने की भी शक्ति देती है।आत्मनिर्भरता की प्रक्रिया तब शुरू होती है जब हम बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार जिम्मेदारियां सौप्ते हैं और निर्णय लेने का हक देते हैं। तो यह जानते हैं बच्चों में आत्मनिर्भरता कैसे बढ़ा सकते हैं।
बच्चों में आत्म निर्भरता बड़ाने के 5 उपाय
1. स्वतंत्रता की भावना
माता-पिता को अपने बच्चों को छोटे-छोटे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जैसे किताबें और खिलौनों को संगठित करना, कपड़ों का चयन और कुछ घरेलू कामों में मदद करना। इससे बच्चों के अंदर जिम्मेदारियां का एहसास होगा और वे सीखते हैं कि अपने कार्य को खुद से पूरा करना कितना जरूरी है। इसकी वजह से वह आगे जाकर किसी पर भी निर्भर नहीं होते।
2. डिसीजन लेने की क्षमता
अपने बच्चों को छोटे-छोटे निर्णय लेने का अधिकार दें। उन्हें निर्णय लेने दे जैसे आज वह क्या पहने, किन दोस्तों के साथ खेलने जाए और कौन से खेल खेले। अगर बच्चे खुद से छोटे-मोटे निर्णय लेते हैं तो उन्हें यह समझ में आता है कि उनके निर्णय का प्रभाव किस तरह से उनकी लाइफ पर पढ़ रहा है। अभी से हम उन्हें डिसीजन लेने देंगे तो वह आगे जाकर एक मैच्योरिटी के साथ डिसीजन लेंगे और घबराएंगे नहीं। इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
3. असफलता को स्वीकार
जिस तरह से हमारे जीवन में सफलता का महत्व है उसी तरह से असफलता मिलना भी जरूरी है तभी जाकर हम जिंदगी का सही मतलब समझ पाते हैं। हमें अपने बच्चों को यह समझना चाहिए की असफलता मिलने से जीवन में आने वाले अपॉर्चुनिटी खत्म नहीं होती। अगर हम एक सफल जीवन जीना चाहते हैं तो अपनी असफलताओं को भी स्वीकार करें और उसे एक सिख की तरह लें। यह उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा और आत्मनिर्भरता भी विकसित करेगा।
4. पॉजिटिव सपोर्ट दें
बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केवल उन्हें प्रोत्साहित करना ही जरूरी नहीं बल्कि साथी उन्हें एक सकारात्मक सपोर्ट देना भी जरूरी होता है। जब वे कुछ नया सीखने का ठानते है और किसी समस्या का सामना करते हैं तो उन्हें सहारा दें। यह उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है और सेल्फ डिपेंडेंट बनाता है। कभी-कभी बच्चों के सामने कठिन परिस्थितियों आ जाती है जिसके वजह से वह घबरा जाते हैं पर एक अच्छे अभिभावक का काम होता है कि वह उन्हें पॉजिटिव सहारा दे जिससे वह उस स्थिति से बाहर निकलता है।
5. सिचुएशन को हैंडल
बच्चों को जीवन की चुनौतियों से परिचित कराना और उन्हें यह सिखाना कि कैसे वे इन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं, उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है। उन्हें समस्याओं के समाधान के तरीके सिखाएँ और उन्हें कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखने की सलाह दें। इससे वे जीवन में किसी भी मुश्किल का सामना आत्मविश्वास के साथ कर सकेंगे। जब वह शुरू से ही सिचुएशन को हैंडल करना सीख जाएंगे तो आगे जाकर भविष्य में कोई भी सिचुएशन उन्हें परेशान नहीं करेगी।