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दूसरों से Constructive Criticism को कैसे करें स्वीकार?

कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिजम एक ऐसा क्रिटिसिज्म होता है जिसमें सामने वाले व्यक्ति को सही फीडबैक दिया जाता है। ऐसे फीडबैक का मुख्य उद्देश्य खुद में सुधार लाना होता है। आपको नेगेटिव पॉइंट्स के साथ-साथ पॉजिटिव पॉइंट्स भी बताए जाते हैं।

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Rajveer Kaur
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Image Credit: Freepik

How To Handle Constructive Criticism?: हर इंसान में कोई ना कोई कमी या कमजोरी जरूर होती है और इसमें कोई शर्म या बुरा मानने वाली बात नहीं होती है। हम सब एक लर्नर है जो जीवन के अलग-अलग पड़ाव में सीखते रहते है। जो इंसान कहता है कि मुझे सब कुछ आता है वो रुके हुए पानी के जैसा है। कुछ देर बाद उसमें बदबू आने लग जाती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति हमें हमारे एक्शंस के लिए फीडबैक दे रहा है और हमारी गलती बता रहा है तो जरूरी नहीं कि वो हमें नीचा दिखा रहा है या फिर आपको कुछ नहीं आता है। आईए जानते हैं एक ऐसे ही क्रिटिसिज्म के बारे में जो आपकी ग्रोथ में बहुत पॉजिटिव योगदान डालता है-

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दूसरों से Constructive Criticism कैसे करें स्वीकार?

कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिजम एक ऐसा क्रिटिसिज्म होता है जिसमें सामने वाले व्यक्ति को सही फीडबैक दिया जाता है। ऐसे फीडबैक का मुख्य उद्देश्य खुद में सुधार लाना होता है। आपको नेगेटिव पॉइंट्स के साथ-साथ पॉजिटिव पॉइंट्स भी बताए जाते हैं। इसके साथ इस बात को पूरा एक्सप्लेन किया जाता है कि आप कहाँ गलत है और आप कैसे इंप्रूव कर सकते हैं। 

Take It As Learning

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जब भी आपको कोई कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिजम देता है तब आपको उसे लर्निंग की तरह लेना चाहिए। ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए कि कोई आपको नीचे दिखाने की कोशिश कर रहा है या मेरे में बहुत ज्यादा कमियां है। आप अपना लर्निंग माइंडसेट रखें कि अगर कोई मुझे कुछ बता रहा है तो वो मेरी भलाई के लिए है और मैं इससे सीखकर खुद में सुधार करूंगा।

Don't Be Perfect

आप ऐसा बनने की कोशिश मत कीजिए कि मुझे सब कुछ पता है या मैं कभी गलत नहीं हो सकता। ऐसे एटीट्यूड के साथ आप कभी भी ग्रो नहीं कर सकते हैं। अगर आपको किसी की तरफ से कुछ बताया जा रहा है उससे सीखने की कोशिश कीजिए और अपनी तरफ से भी चीजों को एनालाइज कीजिए। हमेशा नई चीजों को सीखने के लिए तैयार रहें और कभी भी खुद को परफेक्ट मत बनाएं।

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Don't Be Personal

अगर आपको कोई फीडबैक मिल रही है तो उसे आपको अपने ऊपर नहीं लेना चाहिए ब्लकि अपने एक्शंस के ऊपर केंद्रित करना चाहिए। अगर आप चीजों को पर्सनल लेने लग जाएंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ भी इफेक्ट होगी और आप भी डिमोटिवेट भी हो जाएंगे। आपको हमेशा फीडबैक को एक्शंस के ऊपर ही रखना चाहिए इसका मतलब यह है कि अगर मेरे काम में कुछ गलती हुई है तो इससे मैं बुरा व्यक्ति या फैलियर नहीं बन जाता हूँ।

Try To Know More

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हमेशा अपने अंदर जिज्ञासा रखें कि मुझे और जानना है और मैं कुछ नया सीखना चाहता हूं। मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है जितना मुझे आता है वो कम है। इससे आप न्यू लर्निंग की तरफ बढ़ेंगे और आप कभी भी एक जगह रुक नहीं पाएंगे। इससे आपका माइंडसेट भी ओपन होगा अब चीजों को ऑब्जर्व करने लगेंगे। इसलिए जब भी आपको कोई भी कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म देता है तो उस पर जरूर विचार करना चाहिए।

Don't Judge Yourself 

अपनी गलतियों के लिए कभी भी खुद को जज मत करें। इससे आप खुद को ही नीचा दिखाने लग जाएंगे और कभी भी खुद से प्यार नहीं कर पाएंगे। ऐसे आपकी गलतियों में कभी भी सुधार नहीं होगा। खुद को जज करना छोड़े और प्यार करना शुरू करें। अपनी खूबियों के बारे में जानिए। इसके लिए आपको सेल्फ एक्सप्लोरेशन की बहुत जरूरत पड़ेगी।

फीडबैक #learning Constructive Criticism
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