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1. अपने मन में कोई बात ना रखें
अपने माँ-बाप को खोने के बाद आपको इमोशनली स्टेबल होने में बहुत ही ज़्यादा समय लग सकता है। इसलिए ये ज़रूरी है की आप अपने सोशल सर्किल से जुड़े रहें और अपने इमोशंस किसी परिचित इंसान से व्यक्त करते रहें। अगर किसी भी तरह की सायकोलॉजिकल मदद की ज़रूरत पड़े तो इससे पीछे मत हटियेगा।
2. अपनी एक्सटेंडेड फैमिली से कनेक्टेड रहें
आपकी एक्सटेंडेड फैमिली में कोई न कोई तो आपकी मदद ज़रूर करेगा। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप उनसे कनेक्टेड रहें। अगर आपको किसी भी तरह की इमोशनल या फाइनेंसियल सपोर्ट की ज़रूरत पड़े तो अपने एक्सटेंडेड फैमिली के तरफ ज़रूर रुख करियेगा। अगर कोई आपकी मदद करने के लिए खुद से भी सामने आए तो उनसे मदद लेने में मत हिचकिएगा।
3. कोई हॉबी फॉलो करें
माँ-बाप का जाना किसी सदमे से कम नहीं होता है। लेकिन जीवन रुक नहीं सकता इसलिएआपको ये कोशिश करते रहना चाहिए की आप कोई नयी हॉबी में अपना मन लगाए या किसी नए स्किल को सिखने की कोशिश करें। अगर आप ऐसे ही शोक मानते रहेंगे तो आपकी ज़िन्दगी में कोई बदलाव नहीं आएगा। अपने लिए सही राह पर चलते रहना ही आपके माँ-बाप के लिए सही श्रद्धांजलि होगी।
4. कोविड में माँ-बाप की मौत से गुज़रे रहें बाकियों की मदद करें
इस कोविड के समय में कई बच्चों ने अपने माँ-बाप को खोया है। अगर आप चाहे तो ऐसी नॉन गवर्नमेंट संस्थानों के साथ भी जुड़ सकते हैं जो उन बच्चों के लिए काम कर रहे हैं। आप जब अपनी ही परिस्थिति से गुज़र रहें और बच्चों को पाएंगे तो आप ना सिर्फ उनके साथ अपना दुःख शेयर कर पायेंगे बल्कि एक दूसरे का सहारा भी बन पाएंगे।
5. इस बात को एक्सेप्ट करें
इस बात को एक्सेप्ट करें की मौत एक नेचुरल फेनोमेना है और ये किसी के साथ किसी भी समय हो सकता है। कोविड की माहामारी को दोष देने से कोई लाभ नहीं होगा। इसके लिए अपने मन में आक्रोश या गुस्सा रखने से सिर्फ आपका ही नुक्सान है। आपके लिए सही रास्ता अब वहीं है जो आपकपो अपनी सफलता की तरफ ले जाए।