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एक्सपर्ट्स के मुताबित 18 साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में खतरे में हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी हैं कि उनके लिए कोई भी वैक्सीन नही बनी है। अभी तक की सभी वैक्सीन 18 से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ही बनी है और उन्ही के हिसाब से टेस्ट की गयी है। बच्चों को कोविद तैयार
इंडिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों में और 18 से कम उम्र के बच्चों में भी देखा जा रहा है। इसी के चलते एक्सपर्ट्स ने ये अंदेशा लगाया है कि अब बच्चों को बचने की है जरुरत। कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली से चार गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके चलते केसेस अचानक से बहुत ज्यादा बड़े हुए हैं और सभी जगह खतरा बना हुआ है।
सब के लिए वैक्सीन लगने अनिवार्य है खास कर कि बच्चे और 50 से ऊपर ऊमरा के लोगों को। वैक्सीन लगवाने से पहले अपने बच्चे को पूरी प्रक्रिया के बारे में समझा दें क्योंकि बच्चे कोरोना को लेकर बहुत डरे हुए हैं। उन्हें हर चीज़ समझाएं जब कहीं लेकर जाएं ताकि वो डरे ना। अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उनको खेल खेल में सब समझाएं।
कई बार बच्चे अंदर से बहुत डरे हुए होते है। उनको किसी अपने को खोने का डर रहता है तो कभी वो सोचते हैं की क्या कभी ये COVID 19 खत्म होगा। बच्चे इतने बड़े नहीं होते कि उन्हें दुनियादारी की बातें समझ आएं पर बड़ों का फ़र्ज़ होता है कि वो बच्चों को उनके स्तर पर जाकर सिखाएं। आज पूरे एक साल बाद कोरोना की वैक्सीन बन पायी है और भारत बड़े पैमाने पर कोविद वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रहा है ताकि सभी को जल्दी जल्दी वैक्सीन मिले और सब वापस अपने काम में निष्फिक्र होकर लग पाएं।
क्या 18 से कम उम्र के बच्चों को हो रहा है कोरोना ?
इंडिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों में और 18 से कम उम्र के बच्चों में भी देखा जा रहा है। इसी के चलते एक्सपर्ट्स ने ये अंदेशा लगाया है कि अब बच्चों को बचने की है जरुरत। कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली से चार गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके चलते केसेस अचानक से बहुत ज्यादा बड़े हुए हैं और सभी जगह खतरा बना हुआ है।
पहले से तैयार करें और सब कुछ समझा दें ?
सब के लिए वैक्सीन लगने अनिवार्य है खास कर कि बच्चे और 50 से ऊपर ऊमरा के लोगों को। वैक्सीन लगवाने से पहले अपने बच्चे को पूरी प्रक्रिया के बारे में समझा दें क्योंकि बच्चे कोरोना को लेकर बहुत डरे हुए हैं। उन्हें हर चीज़ समझाएं जब कहीं लेकर जाएं ताकि वो डरे ना। अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उनको खेल खेल में सब समझाएं।
बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं
कई बार बच्चे अंदर से बहुत डरे हुए होते है। उनको किसी अपने को खोने का डर रहता है तो कभी वो सोचते हैं की क्या कभी ये COVID 19 खत्म होगा। बच्चे इतने बड़े नहीं होते कि उन्हें दुनियादारी की बातें समझ आएं पर बड़ों का फ़र्ज़ होता है कि वो बच्चों को उनके स्तर पर जाकर सिखाएं। आज पूरे एक साल बाद कोरोना की वैक्सीन बन पायी है और भारत बड़े पैमाने पर कोविद वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रहा है ताकि सभी को जल्दी जल्दी वैक्सीन मिले और सब वापस अपने काम में निष्फिक्र होकर लग पाएं।