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Stop Being Noosy Parents: क्या आप तो नहीं है कंट्रोलिंग पेरेंट?

पेरेंट बनना अपनी आप में ही एक मुश्किल काम है और उससे भी मुश्किल है उसे सही तरह से निभा पाना। आइए जानतें हैं गलत पेरेंटिंग की कुछ निशानियां और उनके लक्षण इस ब्लॉग के जरिए

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Aastha Dhillon
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Noosy Parents

Noosy Parents: Parents बनना आसान नहीं है। जब आप पेरेंट् बनते है आपके ऊपर बहुत सारी ज़िम्मेदारियाँ आ जाती है जैसे बच्चे को पालना, अच्छी पढ़ाई, उसको हर चीज़ का ध्यान रखना, सेहत और भी बहुत कुछ। इस बीच कई बार आप बच्चे को कंट्रोल करने लग जाते हैं। उसको पर्सनल स्पेस नहीं देते। आप बच्चे को जैसा आप चाहते है वैसा करने को कहते है। आप को लगता जो हम उसके लिए सोच रहे है वह ही सबसे अच्छा हैं। आप उस पर अपना हक़ जमाते हो। 

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कहीं आप भी तो नहीं कर रहे अपने बच्चे को कंट्रोल जाने लक्षण

1.प्यार, सम्मान और देखभाल की कमी

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जब माँ-बाप कंट्रोलिंग बन जाते उनके अंदर बच्चो के लिए प्यार सहानुभूति, रेस्पेक्ट और देखभाल की कमी हो जाती हैं। इसके विपरीत, माता-पिता अपने बड़ा मानते है वे मानते हैं कि बच्चे उनसे छोटे है उनको सवाल उठाने या उनको टालने की अनुमति नहीं है। यह पेरेंट्स के बीच  सहानुभूति, सम्मान और बच्चे की देखभाल में कमी को दिखाता हैं ।

2. बच्चों को सजा देना 

जब बच्चे वे पूरा नहीं कर पाते जो माँ-बाप उनसे आशा करते हैं तब माँ-बाप बच्चों को सजा देते हैं। उनको यह समझने में कोई दिलचस्पी नहीं हैं कि बच्चे किस वजह से क्यों नहीं कर पाए। उनको बस यह हैं कि ऐसा करो, अगर नहीं कर पाते तो बस इनको डाँटो और सज़ा दो। इसमें माँ-बाप बच्चों के ऊपर चिल्लाते हैं, उनको ऊपर दबाव बनाते है, उनकी Privacy में घुसते है, बच्चों पर रोक लगते है।

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3. अनुचित नियम लागू करना 

बहुत बार ऐसा होता है जब माँ-बाप अपने बच्चों पर कुछ Strict rules लागू कर देते है लेकिन उनको इसकी वजह नहीं बताते है। उनके साथ बैठकर बात नहीं करते हैं  और ना ही चीजों को समझाने के लिए समय निकालते हैं। जो परिवार और समाज के बनाए हुए रूल हैं बस उन्हें ही फ़ॉलो करने को कहते हैं। ये नियम अनुचित, एकतरफ़ा और ग़ैर सैद्धांतिक होते हैं जिनका कोई उचित अर्थ भी नहीं निकलता है जैसे शादी से पहले सेक्स नहीं करना हैं, लड़कों के साथ बाहर नहीं घूमना, ज़्यादा रात को बाहर नहीं जाना।

4. अवास्तविक उम्मीदें लगाना 

जब पेरेंट्स बच्चे पर ऐसी उम्मीदें लगाते हैं जिस को वे पूरा ना कर सकें और उसे फिर कहे कि तुमसे तों कुछ होता नहीं है। एक काम कहते हैं तुमको वे भी ढंग से नहीं करती हो। जैसे आज के समय माँ-बाप अपने बच्चे को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते है ज़रूरी नहीं उनके बच्चे भो पसंद भी वहीं हो लेकिन माँ-बाप फिर भी बच्चों को उनकी मर्ज़ी से बग़ैर उसमें डालते है जब आउट्पुट नहीं मिलता तो अपने बच्चे को बोलते हैं।

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