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Photograph: (Freepik)
How you can use journaling to reduce stress: आज की इस भागदौड़ वाली जिंदगी में बहुत से लोग अकेला महसूस करते है। आज लोग इतने व्यस्त है कि उनके पास दुसरो के लिए समय की कमी है। वो इतने स्ट्रेस्ड है कि कहीं न कहीं अपने मन की बातें बताने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लोगो की जरूरत रहती है। पर ऐसे समय में खुद को अकेला पाना आम बात है। इसके लिए जर्नलिंग मददगार साबित हो सकती है। ये अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक ऐसा जरिया है जो आपके स्ट्रेस को तो दूर करती ही है साथ ही आपमें सेल्फ अवेरनेस भी बढ़ाती है। ये आपके लिए खुद को बेहतर करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका हो सकता है बस जरूरत है एक पेन और पेपर की, उठाइए और शुरू हो जाइए। फिर अपने थॉट्स, फीलिंग, इमोशन, डर अनुभव अच्छे से लेकर बुरी परिस्थिति कुछ भी लिखिए ये आपकी मदद ही करेगा। ऐसे में आजकल लोगो में जर्नलिंग का ट्रेंड काफी बढ़ रहा लेकिन ये बहुत नया नहीं है। बहुत पुराने समय से देखने को मिला है कि लोग अपने मन की बातों को डायरी या पत्रों में लिखते थे। आज जहाँ लोग किसी को आसानी से उसकी फिलिंगस को लेकर जज कर लेते है। ऐसे में जर्नलिंग कहीं न कहीं आपको खुद से जड़ने का एक मौका देती है वो भी बिना जजमेंट के। आइए जानते है कैसे आप जर्नलिंग को अपने स्ट्रेस दूर करने का जरिया बना सकते है।
जर्नलिंग कैसे स्ट्रेस दूर करने का जरिया बन सकती है?
मन में जो है बस लिख डालिए
अगर आप परेशान है, स्ट्रेसड है या कोई चिंता आपको खाए जा रही है तो एक पेपर और कलम उठाइए और जो मन में है सब लिख डालिए। ये आपको ऐसा महसूस करवा सकती है कि किसी ने तो आपकी बात सुनी है और आप इससे हल्का महसूस करेंगे।
विचारो की सप्ष्टता मिलेगी
अगर आप किसी उलझन में है और आपको समझ नहीं आ रहा कि आपको क्या करना चाहिए, इस कारण आप स्ट्रेस्ड है तो आपको इससे क्लीयरिटी मिल सकती है। लिखने से आपको पता चलेगा कि आपको वास्तव में क्या है। आप दोंनो परिस्थितियों को लिखे और इससे तर्क मिलेंगे और और आपको समाधान।
आभार जताए
कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि लोग इतने स्ट्रेसड हो जाते है कि उनको ऐसा लगने लगता है कि उनकी कोई वेल्यू नहीं है। ऐसे में आप वो लिख सकते है जिसके लिए आप खुद को खुशकिस्मत समझते है या जिससे आपको खुशी मिलती है। इससे आपका फोकस अच्छी चीजों पर जाएगा और आप खुश हो सकते है।
क्या है स्ट्रेस की वजह
अगर आप लिखते है तो आपको पता चलता कि आप किन चीजो से स्ट्रेसड रहते है या आपसे कौन सी गलती होती है जिससे आप परेशान हो जाते है। ऐसे में आपको स्ट्रेस का पैटर्न पता चलता है कि और आप उसपर वर्क कर सकते है। इससे आपको ये भी पता चलता है कि कौन सी चीजे आपको खुश कर सकती है।
ऐसे मिलेगा परेशानी का हल
अगर आप लिखते है तो आपको पता चलता है कि आपके स्ट्रेस का सॉल्यूशन कैसे हो सकता है। लिखते वक्त दिमाग खुद ब खुद स्ट्रेस कम करने के उपाय खोजने लगता है और आपका स्ट्रेस दूर होता है।