Importance of Dhanteras: धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार दीपावली के पहले दिन मनाया जाता है और इसे धन के देवता धन्वंतरि की पूजा के लिए जाना जाता है। धनतेरस का नाम "धन" (धन) और "तेरस" (तेरहवां दिन) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है धन का तेरहवां दिन। इस दिन को लोग विशेष रूप से सोने, चांदी, और अन्य धातुओं की खरीदारी के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका महत्व केवल भौतिक समृद्धि तक सीमित नहीं है। इस दिन का एक गहरा संबंध स्वास्थ्य और समृद्धि से भी है।
स्वास्थ्य का प्रतीक
धनतेरस को विशेष रूप से आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि का अवतरण दिवस माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था, तब धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस कलश में सभी प्रकार की औषधियाँ और स्वास्थ्यवर्धक चीजें थीं। धन्वंतरि का आशीर्वाद लेना केवल धन का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का भी प्रतीक है।
इस दिन लोग नए बर्तनों और धातुओं की खरीदारी करते हैं, जो न केवल धन्य है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी शुभ माना जाता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि ताम्र बर्तन, चांदी के बर्तन, और सोने के बर्तन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। ये बर्तन खाने-पीने की चीजों को ताजगी प्रदान करते हैं और शरीर को विभिन्न रोगों से बचाते हैं।
धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह सकारात्मकता मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
धनतेरस पर स्वास्थ्यवर्धक आहार
धनतेरस पर लोग पारंपरिक मिठाइयों के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक आहार का भी सेवन करते हैं। इस दिन औषधीय गुणों वाले फल और सब्जियों का सेवन करने की परंपरा है। जैसे कि नींबू, तुलसी, अदरक, और हल्दी, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
इसके अलावा, इस दिन लोगों को आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों के सेवन की भी सलाह दी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, धनतेरस पर काले तिल, मूँगफली, और गुड़ का सेवन करना शुभ माना जाता है। ये सभी चीजें न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि शरीर को ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
धनतेरस के दिन घर में दीये जलाना और लक्ष्मी माता की पूजा करने का भी महत्व है। यह घर में सुख-समृद्धि लाने के साथ-साथ मानसिक शांति और स्वास्थ्य का प्रतीक है।