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येल्लो फंगस से जुड़ीं 5 जरुरी बातें -
1. येल्लो फंगस का पहला केस उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में निकला है। इसका अभी इलाज किया जा रहा है और अंडर ऑब्जरवेशन रखा गया है।
2. इसके सिम्पटम्स होते हैं एनर्जी कम रहना , भूख न लगना, आँखें लटकी लटकी होना, चोट देर से ठीक होना और वजन कम होना।
येल्लो फंगस के इलाज के लिए एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन इस्तेमाल किया जाएगा। ये एक एंटी- फंगल दवा है और ज्यादातर मामलों में यही इस्तेमाल होती है।
3. ये बीमारी एक अंदरूनी बीमारी है इसलिए इसको पता लगाने में समय लग सकता है। इसलिए जरुरी है कि थोड़ी सी लापरवाही न की जाए और ऊपर बताए गए कोई भी सिम्प्टम होने पर तुरंत इलाज के लिए जाया जाए।
4. येल्लो फंगस होने का कारण है आस पास गंदगी का होना इसलिए सभी जगह घर में सफाई करते रहे। नमी कम से कम रखें क्योंकि उसी में बैक्टीरिया और फंगस पनपता है।
5. पुराना और बासा खाना या फिर पॉटी को तुरंत फेकें और दूर ही रखें। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कम से कम नमी वाली जगह में रहें और अपने आस पास की चीज़ों पर ध्यान दें कि कहाँ बैक्टीरिया और वायरस पनप सकता है।
कोरोना के वक़्त ब्लैक फंगस किस को हो रहा है ?
मुकरमाइकोसिस यानि कि ब्लैक फंगस उन लोगों में ज्यादा देखा गया है जो कि कोरोना कि रिकवरी स्टेज पर हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में स्टेरॉइड्स का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। इसके कारण पेशेंट में शुगर का लेवल बड़ा है और ब्लैक फंगस के मामले ज्यादा सामने आए हैं।