Domestic Violence: आज हम बात करे रहें हैं, महिलाओं के ऊपर हो रहें अत्याचार और घरेलू हिंसा की। इंडिया में वैसे तो घरेलू हिंसा के खिलाफ कई सज़ा बना दी गयी है, लेकिन फिर भी इस समाज में हर दिन कोई न कोई महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती रहती है।
बचपन से सिखाया जाता है एडजस्ट (Adjust) करना
हमेशा से ही महिलाओं को अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार को उनकी किस्मत बता कर छुओ रह जाने की हिदायत दी जाती है। दरअसल, चुप रहना और घरेलू हिंसा के खिलाफ कोई आवाज़ न उठाना, अपने-आप में एक जुर्म है। बचपन से ही लड़कियों को बात दिया जाता है कि शादी के बाद जीवन में हर बदलाव को एक्सेप्ट करलेना है। लेकिन खुद को किसी के लिए बदल लेना कहा तक सही है? क्या शादी में औरत का वजूद खो जाना, कोई बड़ी बात नहीं?
एक ही तो थप्पड़ है, सह लो'
डोमेस्टिक वोइलेंस, इंडिया में सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत घरेलू हिंसा से होती है। चाहे दहेज़ के लिए बहुओं को जला देना या ससुराल में मिल रही मानसिक प्रताड़ना और यातना से महिला का सुसाइड। कहीं न कहीं ये सब की शुरुआत एक 'थप्पड़' से होती है। तापसी की फिल्म में भी महिलाओं के समाज को देखने के इस नज़रिये को बदलने की कोशिश की गई है।
क्या आज के समाज में भी प्रचलित है घरेलू हिंसा?
हाल ही में हमने देखा श्रद्धा वॉकर का एक दर्दनाक किस्सा। श्रद्धा अपने बॉयफ्रेंड आफताब पूनावाला के साथ एक लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी और जहां आफताब पूनावाला एक पागल की तरह उसके ऊपर अत्याचार करता और उसे मारता। श्रद्धा ने शिक्षित होने के बावजूद भी आवाज नहीं उठाई जिसका खामियाजा उसे अपनी जान देकर देना। ना जाने कितनी ही लड़कियां श्रद्धा जैसी है जो अपने प्यार को अपनी safety से भी ऊपर रखती है करती है और अपनी जान तक गंवा बैठती है। रिपोर्ट बताती है कि भारत में तीन में से एक महिला को डोमेस्टिक वायलेंस का सामना करना पड़ता है।
कैसे घरेलु हिंसा को रोका जा सकता है? (How To Stop Domestic Violence?)
शिक्षा
शिक्षा आपको घरेलू हिंसा को रोकने, महिलाओं के अधिकारों के बारे में सीखने में मदद कर सकता है। यह आपको यह भी पता लगाने देगा कि दुर्व्यवहार करने वाली महिला या पुरुष की मदद कैसे करें, दूसरों के बीच में।
जेंडर इक्वलिटी को बढ़ावा देना
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) ने नोट किया है कि "जेंडर इनक्वॉलिटी महिलाओं के खिलाफ घरेलु हिंसा बढ़ाता है और इससे बचने के लिए महिलाओं के अंदर इतनी क्षमता नहीं होती। घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए, समाज को कई तरीको से रोकना पड़ेगा। उसके लिए सबसे पहले महिला और पुरुष को एक दूसरे का सम्मान करना होगा, इसके साथ दोनों लिंग में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता। जरूरी यही है कि हमें जल्दी से जल्दी घरेलू हिंसा के बारे में जागरूकता फैलानी होगी।