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आज के टाईम के खान-पान के वजह से महिलाओं के शरीर को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इसी के चलते उनके पीरियड साइकिल पर भी काफी असर पड़ता है जिससे उन्हें पीरियड्स से ही जुड़ी काफी बीमारियां और प्रोब्लम्स घेरती जाती है। उन्हीं प्रॉब्लम्स में से एक है पीरियड्स इर्रेगुलेरिटीज़। इस सिचुएशन में महिलाओं के पीरियड्स रेगुलर नही आते, कभी जल्दी आ जाते हैं और कभी देर से आते हैं। इर्रेगुलर पीरियड्स अक्सर हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण, स्ट्रेस और कभी कभी ज्यादा एक्सरसाईज़ करने के वज़ह से भी हो जाते हैं । लेकिन, अगर आप इस चीज़ की शिकार हैं तो दवाईयां लेने से पहले अपने लाईफस्टाइल और खान-पान के रूटीन में बदलाव करें। ऐसा करना लॉंग टर्म के लिेए आपकी सेहत को स्वस्थ और मजबूत बनाएं रखेगा। irregular periods ke karan
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इर्रेगुलर पीरियड्स होने के कई बड़े कारण (irregular periods ke karan) भी हो सकते हैं, जैसे –
1) हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) होना – थाइरोइड ग्लैंड शरीर में थाइरोइड हॉर्मोन पैदा करता है| पर जब यह ग्लैंड कम मात्रा में थाइरोइड हॉर्मोन पैदा करने लगता है तब उसे हाइपोथायरायडिज्म कहते है और यह इर्रेगुलर पीरियड्स का एक कारण हो सकता है|
2) PCOD (Polycystic Ovarian Disorder) – PCOD या PCOS एक हार्मोनल बीमारी है जिसमे बॉडी में नॉर्मल से ज़्यादा एंड्रोजन हॉर्मोन (male-hormone) बनता है और ओवरी ढंग से एग्स नहीं बना पाते है| इसकी वजह से पीरियड्स काफ़ी इर्रेगुलर हो जाते है| ज्यादा वज़न का बढ़ जाना, मुँहासे होना इससे जुड़े कुछ लक्षण है|
3) समय से पहले ओवरी एग्स का फेल हो जाना (Premature ovarian failure) – जब 40 की उम्र से पहले ही औवरी हॉर्मोन्स बनाना बंद कर देते है क्योंकि उनमें एग्स लगभग ख़त्म हो जाते है, तब उसको Premature Ovarian Failure कहते है | हॉर्मोन्स की कमी के कारण पीरियड्स का ना होना इसका लक्षण है|
4) बिना कंट्रोल वाले डायबिटीज का होना – बिना कंट्रोल वाले डायबिटीज का हार्मोनल बेलेंस पर काफी बुरा असर डालती है। इससे किसी को भी इर्रेगुलर पीरियड्स का सामना करना पड़ सकता है|
ये थे कुछ irregular periods ke karan
पढ़िए- तमिलनाडू सरकार देगी लड़कियों और महिलाओं को फ्री सेनेटरी नेपकिन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इर्रेगुलर पीरियड्स होने के कई बड़े कारण (irregular periods ke karan) भी हो सकते हैं, जैसे –
1) हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) होना – थाइरोइड ग्लैंड शरीर में थाइरोइड हॉर्मोन पैदा करता है| पर जब यह ग्लैंड कम मात्रा में थाइरोइड हॉर्मोन पैदा करने लगता है तब उसे हाइपोथायरायडिज्म कहते है और यह इर्रेगुलर पीरियड्स का एक कारण हो सकता है|
2) PCOD (Polycystic Ovarian Disorder) – PCOD या PCOS एक हार्मोनल बीमारी है जिसमे बॉडी में नॉर्मल से ज़्यादा एंड्रोजन हॉर्मोन (male-hormone) बनता है और ओवरी ढंग से एग्स नहीं बना पाते है| इसकी वजह से पीरियड्स काफ़ी इर्रेगुलर हो जाते है| ज्यादा वज़न का बढ़ जाना, मुँहासे होना इससे जुड़े कुछ लक्षण है|
3) समय से पहले ओवरी एग्स का फेल हो जाना (Premature ovarian failure) – जब 40 की उम्र से पहले ही औवरी हॉर्मोन्स बनाना बंद कर देते है क्योंकि उनमें एग्स लगभग ख़त्म हो जाते है, तब उसको Premature Ovarian Failure कहते है | हॉर्मोन्स की कमी के कारण पीरियड्स का ना होना इसका लक्षण है|
4) बिना कंट्रोल वाले डायबिटीज का होना – बिना कंट्रोल वाले डायबिटीज का हार्मोनल बेलेंस पर काफी बुरा असर डालती है। इससे किसी को भी इर्रेगुलर पीरियड्स का सामना करना पड़ सकता है|
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