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क्या ज्यादा एंटीबायोटिक डोज़ से बैक्टीरिया और मजबूत हो सकता है ?

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Swati Bundela
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यूनाइटेड नेशंस के मुताबित एंटी माइक्रोबियल आने वाले समय में मौत होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसके लिए अंदाजा लगाया गया है कि आने वाले 2050 तक इस से 10 मिलियन मौत हो सकती हैं। अभी भी पूरे देश और दुनिया में कोरोना का खतरा फैला हुआ है। सभी जगह लोग मर रहे हैं कभी ऑक्सीजन बेड की कमी से तो कभी दवाइयों की कमी से।

वैक्सीनेशन कैसा चल रहा है ?

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2020 में आए कोरोना ने हम सबको सिखाया की पैसे और काम से बढ़कर है सेहत। जब हम सब लोग ना जाने कितने देशों के लोग महीनों घरों में बंद रहे। इस वायरस ने हमें परिवार से जोड़ा और सेहत की अहमियत सिखाई। आज पूरे एक साल बाद कोरोना की वैक्सीन बन पायी है और भारत बड़े पैमाने पर कोविद वैक्सीनेशन कार्यक्रम चला रहा है ताकि सभी को जल्दी जल्दी वैक्सीन मिले और सब वापस अपने काम में निष्फिक्र होकर लग पाएं ।
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एक्सपर्ट का वैक्सीन डोज़ में अंतर को लेकर क्या कहना है ?


एक्सपर्ट कहते हैं कि हर वैक्सीन की पहली और दूसरी वैक्सीन के डोज के बीच का फर्क अलग अलग है। जैसे की फाइजर वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 21 दिन का गैप का सुझाव है। पर सभी वैक्सीन के बीच का गैप बीस के आस पास ही है। भारत में हमें जो वैक्सीन लगेगी उसके बीच 4 हफ्ते यानि 28 दिन का अंतर रखने को कहा गया है।
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वैक्सीन लगने के बाद क्या करना है ?


आप ये ना सोचें की आपको वैक्सीन लग गयी है तो अब आपको इतिहाद बरतने की जरुरत नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद भी आपको सामाजिक दूरी बनाकर रखना है , हाँथ धोते रहना है और मास्क पहन कर रखना है।
हेल्थ
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