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"मैं अपना खुद का एक केक स्टूडियो खोलना चाहती हूँ" - होम शेफ नेहा उपाध्याय

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Swati Bundela
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"भगवान इंसान का जेंडर देख कर उसको कला नहीं देते"- यह कहना है जब वी बेक बेकरी की ओनर नेहा उपाध्याय का जो अपने घर से ही केक बनाती है और कोरोनावायरस के इस समय में लोग उनके काम करने के तरीके को लेकर काफी सुरक्षित महसूस करते हैं। वो सैनिटेशन का काफी ख्याल रखती हैं जिससे उनके कस्टमर्स को उनके ऊपर काफी भरोसा है। आज हम बात करेंगे नेहा से उनके होम बेकर बनने के सफर के बारे में।
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  1. आपका होम शेफ बनने का सफर कब और कैसे शुरू हुआ ?







मैं B.COM और LLB Hons. करने के बाद PCS (J ) परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इन दोनों ही में मैंने यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था l पढ़ाई में अच्छी होने के कारण सभी को विश्वास था कि इस परीक्षा में मुझे सफलता ज़रूर मिलेगी l किन्तु मुझे कभी भी किसी दूसरे के लिए नौकरी करने के खयाल ने उत्साहित नहीं किया था. मुझे केक बनाने का शौक था जो कि मुझे मेरी माँ से मिला था l एक दिन अचानक मेरी बचपन की सहेली ने मुझे उसके पिता के जन्मदिन का केक बनाने का ऑर्डर दिया l 19 मई 2016 को मैंने जब वह केक बनाकर दिया तो उससे मुझे जो खुशी मिली वह शब्दों में बयां करना मुश्किल है l वहीँ से मेरा बेकिंग करियर शुरू हुआ l दुनिया के ख़िलाफ़ जाके अपने मन का कुछ करने का जो जुनून था वही आज मेरी सबसे बड़ी ताकत है l
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  1. आपका सिग्नेचर स्टाइल ऑफ़ कुकिंग क्या हैं ?







मेरा सिग्नेचर स्टाइल डिजाइनर केक बनाना है l केक ऐसा हो जिसे देखकर कोई सोच भी ना सके कि ऐसा भी केक बनाया जा सकता है, दिन रात बस यही कोशिश रहती है मेरी l
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कुकिंग / बेकिंग का जेंडर से कोई लेना-देना नहीं है l भगवान इंसान का जेंडर देख कर उसको कला नहीं देते l ये तो पुरानी रूढ़िवादी सोच और प्रथा के चलते लोगों ने कुकिंग /बेकिंग को केवल महिलाओं से जोड़ दिया है l अन्यथा बहुत से बड़े शेफ और बेकर पुरुष ही हैं l - होम शेफ नेहा उपाध्याय



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  1. कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने आपके काम को किस तरह प्रभावित किया है?







जब से लॉकडाउन हुआ है तब से ईश्वर की कृपा से मेरा काम घटने की बजाए बढ़ा है. क्योंकि मैं केक घर पर बनाती हूँ इसलिए लोगों को इस बात का पूरा विश्वास है कि मैं साफ़ सफ़ाई और हाइजीन का पूरा खयाल रखती हूँ l इस समय बहुत से लोग मेरे पास केक लेने सिर्फ इसलिए आ रहे हैं क्यूँकी उन्हें बाहर किसी दुकान से केक लेने में डर लग रहा है l

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  1. पान्डेमिक के समय में लोग बाहर खाना बंद करके घर पर ही नयी डिशेस बना रहे है और अपने कुकिंग स्किल्स को आज़मा रहे है। इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगी ?







लॉकडाउन में बहुत सारे लोग घरों में ही रहकर अपनी कुकिंग स्किल्स आज़मा रहे हैं l मेरे विचार से यह एक अच्छी बात है l हर इंसान के अंदर टैलेंट होता है l बस हर किसी के पास उसको निखारने का समय नहीं होता l कोरोना की वजह से ही सही लेकिन कम से कम उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका तो मिल रहा है l

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  1. सोशल मीडिया का आपकी जर्नी में क्या रोल रहा है?







मेरी बेकिंग जर्नी में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान है l फेसबुक और इंस्टाग्राम पे जब वी बेक नाम से मेरे पेज हैं जिससे मैं ऑर्डर लेती हूँ l यदि ये ना होते तो आज दूर बैठे लोगों तक मेरा काम और नाम दोनों ही पहुंच नहीं पाता l

आगे चलके मैं अपना खुद का एक केक स्टूडियो खोलना चाहती हूँ. मेरी इच्छा है कि मेरे स्टूडियो में केवल महिलाएं काम करें  - होम शेफ नेहा उपाध्याय







  1. आपके अनुसार क्या कुकिंग का जेंडर से कोई लेना देना है ?







कुकिंग / बेकिंग का जेंडर से कोई लेना-देना नहीं है l भगवान इंसान का जेंडर देख कर उसको कला नहीं देते l ये तो पुरानी रूढ़िवादी सोच और प्रथा के चलते लोगों ने कुकिंग /बेकिंग को केवल महिलाओं से जोड़ दिया है l अन्यथा बहुत से बड़े शेफ और बेकर पुरुष ही हैं l





  1. आपके काम को लेकर आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं ?







आगे चलके मैं अपना खुद का एक केक स्टूडियो खोलना चाहती हूँ जहां पर लोगों को एक से बढ़कर एक केक देखने और खाने को मिलें. सबसे अहम बात ये है कि मेरी इच्छा है कि मेरे स्टूडियो में केवल महिलाएं काम करें l मैं नारी सशक्तिकरण में पूर्ण रूप से विश्वास रखती हूँ l ईश्वर से यही प्राथना है कि इसी प्रकार मेरे सपनों को बुलंदियों तक पहुँचाने में मेरा साथ दें l



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