Kanya Pujan: कन्या पूजन का सही तरीका 

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Swati Bundela
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 नवरात्रि का आज अंतिम दिन है। कुछ लोगों ने आज नवरात्रि का व्रत भी रखा होगा और साथ ही कन्या पूजा की तयारियों में लगे होंगे।अष्टमी और नवमीं के दौरान लोग अक्सर अपने घरों में कन्याओं को बुलाते हैं जो मां दुर्गा के रूप में आती हैं और अपना आशीर्वाद देती हैं। कन्याओं को देवी का दर्जा प्राप्त हुआ है, इसलिए हमें हर लड़की का सम्मान करना चाहिए।

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इस बार भी कोरोना की वजह से कन्या पूजा घरों में होना असम्भव है क्योंकि कोई भी माता पिता अपनी बेटी को भेजने से घबराएंगे। इसलिए आज हम आपको कन्या पूजा का सही तरीका बताएंगे कोरोना के दौर में। 

देवी मां की आरती और हवन करें

नवरात्रि के अंतिम दिन लोग अपने घरों में हवन और पूजा करते हैं। पहले लोग अपने घरों में पंडितों को बुलाते थे पूजा और हवन करें के लिए लेकिन कोरोना की वजह से कोई बहुत कम लोग अपने घरों में पंडित को बुलाते हैं। इसलिए आप घर पर रहकर खुद ही हवन और आरती कर सकते हैं। 

1. सबसे पहले एक साथ स्थान पर हवन कुंड रखें और सभी सामग्री को हवन कुंड के पास रख दें ताकि आपको बार बार पूजा के बीच उठना ना पड़े। (सामग्री है, चावल, घी, जौ, तिल, कपूर, लौंग, गुग्गल, इलाइची, नारियल, पंचमेवा, नवग्रह की लकड़ी) 

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2. हवन कुंड में सुखी लकड़ियां रखें और एक सुखी लकड़ी को कपूर और घी की मदद से जला लें। उस अग्नि की मदद से हवन कुंड में रखी सारी लकड़ियों को जला लें और मंत्रो का जाप करते हुए एक एक करके आहुति देना शुरू करें। 

3. पूजा करते समय देवी मां को मन से याद करें, देवी मां उनकी हर मनोकामना सुनती है और उन्हें अपनी शरण में जगह देती है। 

4. हवन के बाद मंदिर में कपूर और घी का दीपक जलाएं, भोग लगाएं, और पूरा परिवार मिलकर मां की आरती करे। 

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कन्या पूजा की तयारी 

अष्टमी और नवमी के दिन परंपरा अनुसार, कन्या पूजन करने के बाद ही लोग अपने घरों में खाना खाते हैं। पहले लोग कन्याओं को बुलाते हैं, उनके पैर को पानी से अच्छे से धोते हैं, तिलक करते हैं और पैरों को छूकर आशीर्वाद लेते हैं और प्रसाद और दक्षिणा भी दी जाती है। इन कन्याओं की आयु 2 साल से लेकर 12 साल तक होती है। लोग सुभा उठकर अपने घरों में पहले से ही कन्या पूजन की तयारियां करने लगते हैं। 

1. कन्या पूजन पर हलवा, पूरी, चने का प्रसाद होता है, इसलिए लोग अपने घरों में पहले से ही प्रसाद को बना कर रखते हैं ताकि कन्याओं को रुकना न पड़े। कोरोना के बाद लोग दूसरों के घरों का खाना अपनी बेटियों को नहीं खिलाते लेकिन इसका ये मतलब नहीं की आप अपने घर में प्रसाद का भोग ही भी लगाएंगे। हलवा पूरी बनाना इस दिन शुभ माना जाता है इसलिए हर घर में चाहे थोड़ी मात्रा मे लेकिन यह जरूर बनता है। पहले से ही चुनरी, पैसे, गिफ्ट, पानी का कलश, सब की तयारी करके रखें। 

2. कोरोना के दौर में कन्याओं को प्रसाद स्वरूप कुछ और भी दे सकते हैं जैसे जूस, बिस्कुट, चॉकलेट, चिप्स, कोई खिलौना। याद रखें इन सबके साथ दक्षिणा देना ना भूलें। आप ये बंद पैकेट्स कन्याओं के घर जाकर दे सकते हैं इसे आप अपना व्रत पूरा कर लेंगे और कन्याएं खुश भी हो जाएंगी। 

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3. अगर आपके घर बाहर से कोई कन्या नहीं अति इस कोरोनाकाल के दौर में, तो इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं की आप अपने घर कंजक यां कन्या पूजा नहीं कर सकते। हमेशा अपनी बेटी, पोती, के पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें दक्षिणा भी दें।





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