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महिला के चरित्र को खराब बताकर बलात्कारी को छोड़ा नहीं जा सक्त -केरल हाई कोर्ट

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Swati Bundela
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Kerala HC On Rape Victim Virtue: केरल के हाई कोर्ट ने रेप के मामले में कहा कि रेप के आरोपियों को यह कारण देकर छोड़ा नहीं जा सकता कि पीड़ित महिला सेक्स की आदी थी या फिर उसका चरित्र खराब था। अगर महिला पर बलात्कार हुआ है तो वह बलात्कार है और उसकी सजा मिलकर रहेगी।

पिता ने किया बेटी का रेप (Kerala HC On Rape Victim Virtue)

यह मामला केरल का है जहां पिता ने अपनी 16 साल की बेटी का कई बार बलात्कार किया जिसके बाद बेटी गर्भवती थी। इस पुरुष को दोषी करार देते हुए चीफ जस्टिस आर नारायण ने कहा कि बलात्कार से पीड़ित लड़की की गवाही का प्रभाव इस बात से नहीं होगा कि उस लड़की ने किसी और व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं।

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आरोपी की दलील को खारिज करते हुए अदालत ने 11 अक्टूबर के फैसले में कहा कि अगर किसी भी लड़की का चरित्र खराब है या फिर किसी और व्यक्ति के साथ उसका शारीरिक संबंध है तो इसका मतलब यह नहीं है कि रेप करने वाले इंसान को छोड़ दिया जाएगा। अदालत ने बलात्कारी पिता को 15 साल के कैद की सजा सुनाई

किसी भी महिला का इसीलिए रेप करना क्योंकि उसे यौन संबंध बनाने की आदत है यह गलत है। केरल में हुए रेप मामले को देखकर अदालत ने कहा कि इससे घटिया बात कोई नहीं हो सकती कि पिता अपनी बेटी का बलात्कार करें जबकि पिता अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है।

क्या बेटियां घर में भी सुरक्षित नहीं?

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केरल में हुए रेप केस के बाद ऐसा लग रहा है कि बेटियां अपने खुद के घर में भी सुरक्षित नहीं है। एक पिता की जिम्मेदारी होती है अपनी बेटी की रक्षा करना उसे खराब लोगों से बचाना। लेकिन जब पिता अपनी हवस का शिकार अपनी बेटी को ही बनाएं तो ऐसे परिस्थिति में महिलाएं सुरक्षित कहा महसूस करेगी। ऐसी दरिंदगी के लिए कठोर से कठोर शिक्षा होना बहुत ज्यादा जरूरी है।


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