Know These People Who Supported LGBTQ+ Movement: LGBTQ लोगों के लिए आज भी समाज में रहना इतना आसान नहीं है। उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बहुत सारे देश ऐसे ही है जहां पर अभी भी इस समुदाय से होना गैरकानूनी माना जाता है। इसके साथ ही उन्हें स्वीकार भी नहीं किया जाता। उनकी आइडेंटिटी के ऊपर सवाल उठाए जाते हैं। पब्लिक प्लेस पर भी उनके साथ बुरा व्यवहार होता है, मारपीट होती है या फिर उन्हें बुली किया जाता है। इन सबके बीच भारत में इन लोगों ने काफी लंबा रास्ता तय किया है और अपनी होने की लड़ाई लड़ी है। यह लड़ाई इतनी आसान नहीं थी और अभी भी खत्म नहीं हुई है। आज के इस आर्टिकल में हम ऐसे लोगों के बारे में जानेंगे जो LGBTQA+ एक्टिविस्ट हैं-
ऐसे लोग जिन्होंने LGBTQ+ के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी
Laxmi Naryan Tripathi
त्रिपाठी की बात की जाए तो यह ट्रांसजेंडर हैं और LGBTQ+ के अधिकारों का समर्थन करती हैं। इनका जन्म 1978 में महाराष्ट्र में हुआ। 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने ऐक्टिविस्ट के रूप में करना शुरू किया। इसके बाद 2002 में, उन्हें मुंबई स्थित दाई वेलफेयर सोसाइटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसका उद्देश्य भारत में हिजड़ों के लिए समानता हासिल करना है। 2007 में उन्होंने अस्तित्व नामक NGO शुरू किया। इसका उद्देश्य सेक्सुअल माइनॉरिटी की भलाई के लिए काम करना है। इनके संघर्ष का मूल्य तब पड़ा जब 2014 में कानून की तरफ से ट्रांसजेंडर को आधिकारिक मान्यता दी गई।
Sonal Giani
Sonal Giani भी LGBTQ+ ऐक्टिविस्ट हैं। वह क्वीर यूथ मूवमेंट, यारियां और उमंग की फाउंडर हैं। इसके साथ ही वह ऐक्टिव ऐक्टिविस्ट हैं, जिन्हें भारत और दक्षिण एशिया में LGBTQIA+ अधिकारों की वकालत करने का 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। इन्होंने अपने सफ़र की शुरुआत हमसफ़र ट्रस्ट से की हैं। IPPF के अनुसार सोनाली का कहना हैं, "मेरा प्राथमिक ध्यान हाशिए पर पड़े LGBTQ+ समुदायों से ऐक्टिव भागीदारी का माहौल बनाने पर होगा। मैं खुली बातचीत शुरू करने, इन समुदायों से अनुभव, ज़रूरतें और सिफ़ारिशें जानने और यह सुनिश्चित करने की योजना बना रहा हूँ कि वे हमारे निर्णय लेने में परिलक्षित हों।
Gauri sawant
मुंबई से सबंधित रखने वाली गौरी सावंत ट्रांसजेंडर ऐक्टिविस्ट हैं। पहले उन्होंने हमसफ़र ट्रस्ट से मिलकर काम करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने सेक्स वर्कर्स की भलाई के लिए काम किया। इस ट्रस्ट की मदद से वेजिनोप्लास्टी सर्जरी करवाई। उन्होंने 2000 में सखी चार चौघी ट्रस्ट की स्थापना की जहाँ पर ट्रांसजेंडर्स के सपोर्ट में काम करना शुरू किया। वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) मामले (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ) में याचिकाकर्ता थीं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी थी। इसके साथ ही उन्होंने 2008 में गायत्री को अडॉप्ट किया। आपको बता दें गायत्री की माँ की एड्स से मौत हो गई थी।
Anjali Ameer
अंजलि एक ट्रांसजेंडर मॉडल और ऐक्ट्रिस हैं। वह पहली ट्रांससेक्सुअल है जिन्होंने किसी मूवी में मुख्य भूमिका के रूप में काम किया। उन्होंने 20 साल की उम्र में सेक्स चेंज करवाया। उनका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ। उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। उनका कहना है वो शुरू से ही लड़की जैसा महसूस करती थीं।