हम कितना भी कह लें कि हम मॉडर्न हो चुके हैं। लेकिन यह सत्य नहीं है। भारत में आज भी ऐसे कई रूढ़िवादिता है। और पुरानी परंपराएं हैं जो कहीं ना कहीं आज भी भेदभाव का कारण बन जाती हैं। केवल जातीय भेदभाव नहीं बल्कि लिंग भेदभाव लड़का लड़की में भेदभाव तो एक आम सी बात है। लेकिन पूरे समाज से बहिष्कृत की जाने वाली एक और जाति जिसे किन्नर, गे या लेस्बियन भी कहा जाता है।
इस साल ऐसी बहुत सी ओटीटी मूवीज या सीरीज देखने को मिली है। जिन्होंने इन लोगों के साथ काफी न्याय किया है। हम में से बहुत लोगों को इनके स्टट्रगल और मुश्किल ज़िन्दगी के बारे में नहीं पता होता।
वर्ष 2022 में कम से कम इस विषय पर बात तो चालू हुई है। हमारे देश में बॉलीवुड फिल्मों के द्वारा इस विषय को घर घर पहुंचाया गया। यह बहुत जरूरी था। इस साल को अलविदा कहते हुए आज हम 2022 के उन अद्भुत किरदारों की बात करते हैं जिन्होंने LGBTQAI+ से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला है।
1. तनय (कोबाल्ट ब्लू)
कोबाल्ट ब्लू की कहानी को सेम नेम नमक उपन्यास से लिया गया है। दरअसल इस कहानी में एक भाई-बहन की जोड़ी की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें सबसे ज्यादा दिलचस्प किरदार रहा तनय का। तनय और उसकी बहन एक ही व्यक्ति के प्यार में पड़ जाते हैं। इस कहानी में तनय का किरदार काफी ज्यादा लुभावना लगता है।अक्सर लोगों को तनय की बातें समझ नहीं आती।
उसकी आवाज में रोमांस झलकता है। सबके दिलों को जीतने वाला किरदार तनय अपने पहले प्यार से हाथ धो देता है। उसके हार्टब्रेक को आप समझ सकते हैं। वह कामुक व्यक्ति होता है जो दिल से साफ होता है और आपने पहले प्यार को पाना चाहता है। यह बात लगभग असम्भव होती है। 1996 के दशक को दर्शाती यह मूवी समान सेक्स से प्यार कि कहानी को उजागर करती है।
2. माधुरी दीक्षित (मज़ा मां)
यह कहानी एक ऐसी मां पर आधारित है जिसके दो बच्चे हैं एक पति है और साथ ही साथ वह एक अच्छी बहू की भूमिका निभा रही है पर कहीं ना कहीं उसके अंदर एक बात तभी सी है जिससे वह समाज के डर के कारण यह समाज के कारण नहीं कह पाती। यह बात है कि वह एक लेस्बियन है। जी हां एक मां जो लेस्बियन है।
लोगों को यह बात एक्सेप्ट करने में बहुत मुश्किल होती है। लेकिन यह उसके पूरे संघर्ष की कहानी को दर्शाता है। कि किस तरह उसने खुद को इतने साल तक दबाकर रखा। वह अपनी इच्छाओं का दबाती चली गई। उसके बच्चे जो कि मॉडर्न जनरेशन से बिलॉन्ग करते हैं वह भी उसे नहीं समझ पाए।
3. उमंग (फोर मोर शॉट्स प्लीज)
उमंग सिंह के रूप में बानी जे एक जिम ट्रेनर और लेस्बियन हैं। उमंग कोठरी से बाहर आ चुकी है और अपना घर छोड़ चुकी है। लेकिन वह अभी भी अपने माता-पिता को अपनी कामुकता के बारे में समझाने के लिए संघर्ष कर रही है। उसके माता-पिता ने उसे छोड़ दिया है लेकिन कुछ अनसुलझे मुद्दे हैं, और उमंग स्वीकृति के लिए तरस रही है।
लाइफ में बहुत सारी दिक्कतों के कारण। साथ ही साथ उसके फर्स्ट लव के फेल होने के कारण उसका दिल बुरी तरीके से टूट चुका है। वह खुद को जोड़ने का काम कर रही है।और जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। इस कहानी में लेस्बियन के जीवन को दर्शाया गया है। जो समाज की रूढ़िवादिता को झेल रही है।
4. बधाई दो से रिमझिम जोंगकी
बधाई दो अभिनीत राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर, और चुम दरंग शार्दुल, एक समलैंगिक पुरुष, और सुमी, एक समलैंगिक, और उनके बीच लैवेंडर विवाह (मिश्रित-उन्मुख विवाह) की कहानी कहता है। रिमझिम में बहुत सारी अंतर्विरोध हैं, वह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक महिला है और एक समलैंगिक है, जिसे उसके यौन अभिविन्यास के कारण उसके परिवार द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है।
रिमझिम सुमी की लैवेंडर शादी के बीच फंस गई है। सुमी के सामने न आने की समस्याएँ हैं, लेकिन रिमझिम, जिसने पहले ही अपनी ओरिएंटेशन का खुलासा कर दिया है, को अभी भी कोठरी में अपने साथी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह एक सामान्य घटना रही है, जिस पर शायद ही ध्यान दिया जाता है। यह एक रिश्ते में टूटने के कारणों में से एक हो सकता है जो होना तय है।