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लेकिन फिर सवाल उठता है कि वजाइना का ढीलापन आता क्यों है? इसके पीछे कुछ वजह हैं। लेकिन उससे पहले ये समझते हैं कि वजाइना के ढीलपन का मतलब क्या है।
क्या होता है वजाइना का ढीलापन
डॉ तान्या के अनुसार वजाइना की त्वचा बहुत ही लचीली होती है एक रबड़ बैंड या इलास्टिक की तरह। जब कोई महिला सेक्शुअली एराउज होती है, उसके वजाइना की मसल्स अपने आप रिलेक्स यानि फैल जाती हैं। ये पेनेट्रेशन में मदद करती हैं। ये मसल्स फोरप्ले के दौरान धीरे-धीरे रिलेक्स होती हैं। सेक्स के बाद ये मसल्सज फिर से अपने पहले के रूप में आ जाती है। इसलिए जब आप पहली बार सेक्स करते हैं तब उसके साइज में बदलाव आता है।
जब हाइमन ब्रेक होता है तब वजाइना संकुचित हो जाती है और सेक्स करने के बाद रिलेक्स हो जाती है। यहां तक कि अगर कोई एक महिला एक से ज्यादा पार्टनर के साथ सेक्स करती हैं तब भी वजाइना का वॉल फैल जाता है। लेकिन बाद में वह अपने साइज में फिर से लौट आती है। अगर वजाइना का स्किन हमेशा के लिए स्ट्रेच्ड हो जाए तो सेक्स करना मुश्किल हो जाएगा। तो अब जान गई होंगी कि पेनेट्रेटिव सेक्स महिला के शरीर में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं लाता। ऐसे कोई भी प्रमाण नहीं हैं कि इससे ये मसल्स ढीली पड़ जाती है।
वजाइना का ढीलापन - कारण
-चाइल्ड बर्थ (Child Birth)
वजाइना में खिंचाव आने की बड़ी वजह चाइल्ड बर्थ है। इस समय महिला 6 से 10 पाउंड के एक बच्चें को जन्म देती है, जो कि आपके वजाइनाके सहारे इस दुनिया में आता है। लेकिन अच्छी बात यह होती है कि डिलीवरी के कुछ समय बाद वजाइना में फिर से कसावट आ जाती है। खासकर अगर डिलीवरी कम उम्र में हुई है। 30 की उम्र के आसपास डिलीवरी करने की वजह से वजाइना में ज्यादा खिंचाव आता है।
-बढ़ती उम्र (Ageing)
बढ़ती उम्र की वजह से वजाइन की स्किन और मांसपेशियों के आकार में बदलाव आता है। मेनोपॉज ओर उम्र की वजह से वजाइना अपनी कसावट खोने लगता है। जिसकी वजह से वजाइना में सूखापन और एस्ट्रोजन के लेवल पर समस्या होती है।
अपने शरीर और वजाइना की कसावट बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि आप रोज़ाना योग करें और पोष्टिक खाने का सेवन करें।
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