Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति हिंदुओं का महापर्व में से एक पर्व है। इस उत्सव को भारत के विभिन्न विभिन्न क्षेत्र में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। जैसे कि पंजाब में लोहड़ी का पर्व, केरल में पोंगल का पर्व, और बिहार यूपी के क्षेत्रों में संक्रांति पर्व मनाया जाता है। भारत वासियों के कैलेंडर के अनुसार इसी न्यू ईयर के रूप में मनाया जाता है।
ऐसा कहा जाता है की साल की पहली फसल की खुशी में इस महापर्व मकर संक्रांति को बनाया जाता है। इस दिन हर घर में तिल के लड्डू बनते हैं और तो और इस दिन प्रत्येक घर में शाम को खिचड़ी भी बनता है और उसके साथ बच्चे पतंग उड़ाते हुए अपने इस दिन को आनंदमय बना देते हैं।
तिल के लड्डू बनाने की विधि
सामग्री
भुने हुए तिल, गुड़, घी, ड्रायफ्रूट्स, इलायची, अदरक आदि सामग्री की जरूरत पड़ती है।
जानिए कैसे बनाएं तिल के लड्डू
1. सबसे पहले जरूरत के हिसाब से तिल ले और उसे एक बड़े से कड़ाह पर गैस की आंच धीमी करके के अच्छे से भून लें।
2. उसके बाद दूसरी ओर एक पतीले के अंदर गुड और घी को गर्म करे और गर्म करने के बाद उसे ठंडा होने के लिए थोड़ी देर बाहर रख दे।
3. अगर आप चाहे तो स्वाद को बढ़ाने के लिए मूंगफली के दाने को भी कड़ाह में भून सकते हैं।
4. अब दूसरी और तिल के अंदर मेवा, ड्राई फ्रूट , मुंफली आदि सामग्री को मिला लें।
5. आप तिल के साथ मुड़ी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अक्सर बिहार के राज्य में मुड़ी और तिल को मिलाकर तिलवा का लड्डू बनता है। जिसका स्वाद बहुत ही आनंद देने वाला होता है।
6. गुड़ के पाग को ठंडा होने के बाद उसे तिल के साथ पूरी तरह से मिक्स कर ले। अपने जरूरत के हिसाब से आप इसमें और ज्यादा ड्राय फ्रूट का प्रयोग कर सकते है।
7. उसके बाद आप अपने हाथों में पानी का या फिर तेल का इस्तेमाल करें ताकि आप जब लड्डू बनाए तो आपके हाथ में तिल चिपके नहीं।
8. फिर हल्की मुट्ठी बांध के तिल को बांधना स्टार्ट करें, उसे गोलाकार का शेप देके लड्डू बनाए।
9. अगर सामग्री में किसी चीज की कमी हो गई हो तो आप इसे ऊपर से भी मिला सकते हैं जैसे कि ड्राइफ्रूट्स भी को आप दोबारा भी मिला सकते हैं ताकि उसका स्वाद बना रहा है।
तिल के लड्डू सर्दियों में हम सबके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है इसलिए रोजाना तिल के लड्डू का सेवन करें। यह हमारे शरीर में गर्मी प्रदान करता है और साथ में हमारे मस्तिष्क मैं शांति प्रदान करता है। इसके सेवन से हमारा शरीर 24 घंटे फुर्ती से काम करता है।