Chocolate Types: वैलेंटाइन डे का तीसरा दिन होता है चॉकलेट डे। कल हम प्यार की ख़ुशी में एक दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करते हैं। चॉकलेट हमारे स्वास्थ्य को नुक़सान और फ़ायदा दोनों पहुंचाती है। चॉकलेट खाने से हमारी इम्यूनिटी, हृदय और मानसिक क्षमता पर अच्छा असर पड़ता है। इसके साथ ही ये तनाव भी नहीं पैदा होने देती। पर क्या आप जानते हैं चॉकलेट के भी कई प्रकार होते हैं, आइए आज हम आपको चॉकलेट के प्रकार से अवगत कराएं।
चॉकलेट के प्रकार
मार्केट में चॉकलेट के कई प्रकार हैं, जैसे डार्क चॉकलेट, व्हाइट चॉकलेट और बिटर चॉकलेट आदि। पर इससे भी ज़्यादा चॉकलेट के और भी प्रकार हैं। हमारी सेहत के लिए डार्क चॉकलेट सबसे अच्छी बताई जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो जितना ज्यादा चॉकलेट में कोकोआ होगा उतना ज़्यादा वह हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होगी। आइए जानें चॉकलेट के प्रकारो :-
चॉकलेट के प्रकार
- मिल्क चॉकलेट : मिल्क चॉकलेट को बनाने के लिए चीनी, कोकोआ और दूध की मदद ली जाती है। मिल्क चॉकलेट में मात्र 40 परसेंट कोकोआ होने के कारण इसका स्वाद बहुत कड़वा नहीं होता, मीठा होता है।
- डार्क चॉकलेट : डार्क चॉकलेट की खासियत यह है कि इसको बनाने के लिए इसमें दूध का इस्तेमाल नहीं होता। कोकोआ का इस्तेमाल भी इसमें 30 से 80 परसेंट तक होता है। इसको बनाने के लिए चीनी और कोकोआ बटर और चॉकलेट लिकर का इस्तेमाल होता है।
- व्हाइट चॉकलेट : व्हाइट चॉकलेट में कोकोआ बटर का इस्तेमाल होता है। किसी अन्य तरह का कोकुआ से संबंधित कोई समान नहीं प्रयोग में लिया जाता। यह बहुत मीठी होती है। इसमें चीनी की मात्रा अधिक पाई जाती है।
- बेकिंग चॉकलेट : इसका इस्तेमाल मूल रूप से चॉकलेट या अन्य प्रोडक्ट बनाने के लिए किया जाता है। यह बहुत कड़वी होती है। इसका इस्तेमाल बेकिंग के लिए किया जाता है और इसे सादा नहीं खाया जाता।
- सेमी स्वीट चॉकलेट : इस चॉकलेट में 35 परसेंट कोकोआ होता है। सेमी स्वीट चॉकलेट का प्रयोग भी बेकिंग के लिए किया जाता है।
- बिटर चॉकलेट: यह सबसे ज्यादा कड़वी चॉकलेट होती है। ऐसा इसलिए किसका कुकोआ की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। मुख्यता: इसमें 50 से 80 परसेंट कोकोआ होता है।
इसके अलावा भी चॉकलेट के प्रकार हैं लेकिन ये मुख्य प्रकार हैं। चॉकलेट मार्केट मैं आने से पहले कई प्रक्रियाओं से गुजरती है। इसमें क़़ाफी मेहनत होती है।