प्रेगनेंसी का मेडिकल टर्मिनेशन बिल महिलाओं के हित में क्यों है -
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SheThePeople Team
25 Mar 2021
कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो बच्चा नहीं चाहती हैं पर कुछ कारणों से वो गर्भवती हो जाती हैं ऐसे में उनको बच्चे के लिए मजबूर करना गलत है । इसलिए ये लॉ उन महिलाओं के लिए बहुत अच्छा है।
ये बिल महिलाओं के हक़ में है। जानिए इस बिल के मुताबित क्या क्या बदलाव आए हैं -
1. इस बिल में स्पेशल केस की महिलाओं को बिल 24 हफ्ते से पहले एबॉर्शन की परमिशन देता है। इस से पहले ये टाइम 20 हफ्ते का था।
2.यह बिल 1971 के " मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी एक्ट, 1971 " को संशोधित कर के आया है।
3. इस बिल के मुताबित डॉक्टर की सलाह से आप 20 हफ्ते से पहले एबॉर्शन करा सकते हैं और स्पेशल केस में आप 2 मेडिकल प्रैक्टिशनर की सलाह से 24 हफ्ते से पहले करा सकते हैं।
4. बिल के मुताबित महिला का नाम और अन्य जानकारी रिवील नहीं होनी चाइए ऐसा होने पर सजा भी मिल सकती है।
5. एबॉर्शन कराने वाली महिला का नाम और अन्य जानकारी सिर्फ उन्ही को दी जा सकती है जिन्हें लॉ से परमिशन दी गयी है किसी केस के चलते या किसी कंडीशन के होने पर।
6. स्पेशल केटेगरी में रेप पीड़ित महिलाएं, माइनर और डिफरेंटली एबल्ड महिलाएं आती हैं।
7. अगर आप की प्रेगनेंसी 24 हफ्ते से ऊपर जा चुकी है और बच्चे में कुछ खराबी है तो मेडिकल बोर्ड से कंसल्टेशन कर के आप एबॉर्शन करा सकते हैं।