Myths About Female Masturbation: सोसाइटी ने औरतों से जुड़ी नॉर्मल से नॉर्मल बात का कैसे हौआ बना दिया है और जो बात को लेकर शोर मचाने चाहिए, उसको लेकर स्यूडॉ डेमिनिज्म के विचार फैलाए हुए हैं। इस देश में जितना बड़ा टैबू सेक्स है, उससे कई बड़ा टैबू महिलाओं के मास्टरबेशन को लेकर है। जहां कोई इसके बारे में डिस्कस भी नही करने को राज़ी होते हैं, पढ़े लिखे देश में हम इतनी सी बात को भी नॉर्मलाइज नही कर पाए हैं अब तक। आधी जनता तो बिना जाने ही मिथ पर आंख बंद करके अपना ओपिनियन भी बनाए हुए हैं और अजीब बात यह है कि इनमें औरतें भी है। यही बात है कि प्रोपर सेक्स एजुकेशन कितना जरूरी है भारत जैसे देश में। आइए इस ब्लॉग में पढ़े ऐसे ही कुछ अटपटी मिथ के बारे में जो महिलाओं के मास्टरबेशन से जुड़ी हुई हैं।
जानें महिलाओं के मास्टरबेशन से जुड़े हुए कुछ मिथ
1. महिलाएं मास्टरबेट नहीं करती
सबसे बड़ा मिथ तो यही है की मास्टरबेशन सिर्फ मर्दों के लिए संभव है। चरम सुख की प्राप्ति औरतों के लिए बनी ही नहीं है। मास्टरबेशन एक बहुत ही आम प्रक्रिया है जो कुदरत ने दोनो स्त्री और पुरुष के लिए बनाए हैं। इसमें कोई भी घृणा की बात नही होती है। अपने शरीर को जानने का हक सबको होता है।
2. मास्टरबेट करने वाली महिलाएं अश्लील होती हैं
मास्टरबेट करनी वाली महिला सिर्फ अवेयर होती हैं के उनके सुख को भी हमेशा किसी दूसरे इंसान पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। यह करना कोई भी पाप नहीं होता ना ही यह करने से किसी का कैरेक्टर भांपते हैं।
3. महिलाएं पोर्न नहीं देखती
महिलाएं भी अपने आपको को अराउज करने के लिए पोर्न, सेक्स टॉय, सेल्फ स्टिमुलेशन जैसी चीज़ें कर सकती हैं। यह उनकी भी मदद करता है स्टिमुलेशन बढ़ने में ताकि उन्हें ओर्गास्म की प्राप्ति हो।
4. मेल पार्टनर्स के लिए बुरी खबर
यदि आपकी पार्टनर मास्टरबेट करती है, इसका यह मतलब बिलकुल नही है की उसे अपने पार्टनर की जरूरत नही होगी, सेक्शुअली। यह एक पर्सनल प्रिफर्न्स भी हो सकती है लेकिन दोनो पार्टनर्स में यह म्यूचुअल समझदारी जरूर होनी चाहिए।