How Does Watching Porn Affect Teenagers: आज के जनरेशन में पॉर्न वीडियो का यूज बहुत ज्यादा होता है, खासकर करके टीनएजर्स में। पॉर्न वीडियो अलग-अलग प्लेटफार्म में उपलब्ध होते हैं। रिसर्च के अनुसार पॉर्न वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि नेटफ्लिक्स, अमेजॉन और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर ज्यादा अवेलेबल रहते हैं। टीनएजर्स जरूरत से ज्यादा एडल्ट वीडियो देखते हैं मगर उन्हें पॉर्न वीडियो से दिमाग पर होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में नहीं पता होता। पॉर्न वीडियो एक तरह का डिस्ट्रक्ट होता है मगर बहुत से लोगों ने यह नहीं सोचा होगा कि पॉर्न वीडियो डिस्ट्रक्ट क्यों होता है। इसके बहुत सारे बुरे प्रभाव होते हैं जैसे कि-आइसोलेशन, इंक्रीज अग्रेशन, नेगेटिव फिलिंग्स और दुनिया से दूर हो जाना।
पॉर्न यंगस्टर के लिए कैसे डिस्ट्रक्ट हो सकता है
1. सेक्सुअल रिलेशनशिप को खराब करता है
इस तरह के वीडियो रिश्ते को कमजोर करते हैं, क्योंकि यह एक कॉमन शरीर कैसा दिखता है और सेक्सुअल बिहेवियर असल में क्या है, इसके बारे में पूरी तरह से गलत विचारधारा बनाता है। सेक्सुअल रिलेशनशिप वास्तव में आपके और आपके माता-पिता के बीच म्यूच्यूअल सेटिस्फाइंग होना चाहिए। इसके विपरीत, मोस्ट एडल्ट मूवी इंडस्ट्री में सेल्स-ग्रिटिफिकेशन होती है और इसमें अक्सर दूसरे व्यक्ति पर हावी होना या उसके साथ दुर्व्यवहार करना शामिल होता है। यह नेचर में वॉलेंट और एग्रेसिव हो सकता है।
2. महिलाओं के प्रति आक्रामकता को बढ़ावा देता है
अधिकतर पॉर्न वीडियो महिलाओं के प्रति सेक्सियस्ट और हाउस स्टाइल होते हैं। पॉर्न वीडियो में जिस प्रकार का अग्रेशन और वायलेंस को दिखाता है, वह यंगस्टर के दिमाग पर इंप्रेशन, गुस्सा को बढ़ावा देता है जिसके कारण महिलाओं के प्रति आक्रामकता को बढ़ावा मिलता है।
3. सेक्स के बारे में गलत रियालिटी को दिखाना
आज के जनरेशन में वीडियो बहुत ही पावरफुल सोर्स होता है। वीडियो में इतनी पावर होती है कि वह किसी के भी दिमाग को इन्फ्लुएंस कर सकता है और नेचर को भी बदल सकता है। जो भी हम वीडियो देखते हैं उसका छवि हमारे दिमाग में बन जाता है। इस कारण से भी पॉर्न वीडियो लोगों को सेक्स के बारे में गलत रियालिटी को दिखाता है।
4. सोशल आइसोलेशन को बढ़ावा देता है
इस प्रकार की वीडियो देखने के लिए लोग ज्यादा आइसोलेशन को प्रेफर करते हैं। टीनएजर्स और यंगस्टर जो हमेशा पॉर्न वीडियो देखते हैं वह खुलकर नहीं देख पाते जिसके कारण वे सोशल आइसोलेशन को बढ़ावा देता है और दुनिया से दूर-दूर रहते हैं इसका प्रभाव उनकी सोशल लाइफ पर भी पड़ता है। इससे उनके जीवन में बुरा असर पड़ता है।
आज की जनरेशन पॉर्न वीडियो से ज्यादा टीनएजर्स और यंगस्टर को सेक्स एजुकेशन देना चाहिए जिसकी कारण उन्हें सही सेक्स की नॉलेज होगी।