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कोरोनावायरस ने हम सभी की ज़िंदगी में काफी बड़े बदलाव किए है। उन्ही बदलावों में से एक है बच्चों का स्कूल बंद होना और ऑनलाइन क्लासेस शुरू होना। शुरूआत में बच्चों को थोड़ी परेशानी हुई लेकिन समय बीतने के साथ अब उन्हें भी मज़ा आने लगा है। हालांकि, कई बच्चे स्कूल जाना भी काफी मिस करते होंगे लेकिन इस बार की सर्दी में उन्हें ऑनलाइन पढ़ना ही अच्छा लग रहा है। इसके कुछ नुकसान भी हैं । आइए बात करते है इसी टॉपिक पर और इससे जुड़े नुकसानों के हल पर। ऑनलाइन क्लासेस के नुकसान -
-ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा माहौल नहीं मिल पा रहा है।
-ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के बच्चों के साथ वैसे इंटरेक्ट नहीं कर पाते जैसे कि वो क्लास में किया करते थे।
- ऑनलाइन क्लास में बच्चे के साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवाल करते होंगे जिससे टीचर्स सभी सवालों के जवाब नही दे पातें।
-ऑनलाइन क्लासे करने का एक ही ज़रिया है जिससे मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है। इनके स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है।
-लंबे समय तक मोबाइल का यूज़ करने से कई बार मोबाइल गर्म हो जाते है और ऐसे में दुर्घटना की उम्मीद भी बनी रहती है।
-जिस कमरे में बच्चे टीवी, कंप्यूटर या फोन चला रहे हैं, वहां पर अच्छी रोशनी होनी चाहिए ताकि आंखों पर दबाव न पड़े। मॉनिटर या स्क्रीन की ब्राइटनेस को मध्यम रखें।
-कई बार बच्चे आंखों को स्क्रीन पर गड़ाकर रखते हैं और पलकें झपकाना भूल जाते हैं। आंखे न झपकाने की वजह से आंखों का पानी सूख सकता है। इसलिए कंप्यूटर या स्क्रीन पर देखते समय बच्चों को बीच-बीच में पलकें झपकाना सिखाएं।
-हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लेकर बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज करने के लिए कहें।
-इसके साथ ही, बच्चों को बैलेंस डाइट देना बहुत जरूरी है। डाइट में मौजूद कुछ पोषक तत्व जैसे कि विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा फैटी एसिड शरीर के साथ-साथ आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
पढ़िए- जानिए अपने बच्चों को किस तरह सेक्स एजुकेशन दें
ऑनलाइन क्लासेस के नुकसान
-ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा माहौल नहीं मिल पा रहा है।
-ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के बच्चों के साथ वैसे इंटरेक्ट नहीं कर पाते जैसे कि वो क्लास में किया करते थे।
- ऑनलाइन क्लास में बच्चे के साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवाल करते होंगे जिससे टीचर्स सभी सवालों के जवाब नही दे पातें।
-ऑनलाइन क्लासे करने का एक ही ज़रिया है जिससे मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है। इनके स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है।
-लंबे समय तक मोबाइल का यूज़ करने से कई बार मोबाइल गर्म हो जाते है और ऐसे में दुर्घटना की उम्मीद भी बनी रहती है।
अपने बच्चे के ऑनलाइन क्लास के दौरान आप इन बातों का ख्याल रख उनके होने वाले नुकसानों से बचा सकते हैं, जैसे -
-जिस कमरे में बच्चे टीवी, कंप्यूटर या फोन चला रहे हैं, वहां पर अच्छी रोशनी होनी चाहिए ताकि आंखों पर दबाव न पड़े। मॉनिटर या स्क्रीन की ब्राइटनेस को मध्यम रखें।
-कई बार बच्चे आंखों को स्क्रीन पर गड़ाकर रखते हैं और पलकें झपकाना भूल जाते हैं। आंखे न झपकाने की वजह से आंखों का पानी सूख सकता है। इसलिए कंप्यूटर या स्क्रीन पर देखते समय बच्चों को बीच-बीच में पलकें झपकाना सिखाएं।
-हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लेकर बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज करने के लिए कहें।
-इसके साथ ही, बच्चों को बैलेंस डाइट देना बहुत जरूरी है। डाइट में मौजूद कुछ पोषक तत्व जैसे कि विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा फैटी एसिड शरीर के साथ-साथ आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
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