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नियमित रूप से व्यायाम करने से हम सभी का शरीर स्वस्थ व सेहतमंद रहता है परंतु PCOS/PCOD के मरीजों के लिए व्यायाम व योग बेहद ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं को हफ्ते में 3 दिन रोज़ आधा घंटा व्यायाम करना चाहिए। जानिए PCOS/PCOD मरीजों के लिए व्यायाम ( PCOS/PCOD exercise) करने के 5 मुख्य फायदे।
PCOS/PCOD के मरीजों के लिए वजन बढ़ना एक बहुत ही बड़ी समस्या है जिसके कारण उनके शरीर में थकावट व इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है परंतु रोल व्यायाम व योग करने से उनके वजन में कमी आती है जिससे कि इंसुलिन की मात्रा कम होती है और उनके शरीर को राहत मिलती है।
जब शरीर में कोई दिक्कत होती है तो उसका दूसरा प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ता है जिससे कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य खराब होने लगता है। रोज व्यायाम करने से PCOS/PCOD के मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य में अच्छा बदलाव दिखता है और वह खुद को परेशानियों से मुक्त महसूस करती है।
अक्सर पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं में फर्टिलिटी का स्तर कम हो जाता है। रोज व्यायाम व जॉगिंग करने से PCOS/PCOD के मरीज को अपने शरीर में बदलाव दिखेगा और फर्टिलिटी का स्तर भी बढ़ेगा।
PCOS/PCOD का सबसे बड़ा प्रभाव ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पर पड़ता है जिसके कारण पीरियड नियमित रूप से नहीं आते हैं और कई बार काफी दर्द देते हैं। रोज व्यायाम करने से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में भी सुधार आ सकता है।
पीसीओएस के मरीजों को अक्सर अपने शरीर में तंदुरुस्ती की कमी महसूस होती है जिसके कारण वह दिन भर थकी थकी रहती हैं इसलिए सुबह सुबह योग व व्यायाम करने से उनके मन को शांति मिलती है और शरीर को तंदुरुस्ती भी मिलती है।
PCOS/PCOD के मरीजों को रोज व्यायाम करना चाहिए जिससे कि उनका शरीर तंदुरुस्त रहे। व्यायाम हम सभी को करना चाहिए पर अक्सर अलग अलग शारीरिक समस्याओं के लिए अलग अलग व्यायाम किये जाते है जिसे जानने के लिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। PCOS/PCOD exercise
यह सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें
1. वजन कम होना:
PCOS/PCOD के मरीजों के लिए वजन बढ़ना एक बहुत ही बड़ी समस्या है जिसके कारण उनके शरीर में थकावट व इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है परंतु रोल व्यायाम व योग करने से उनके वजन में कमी आती है जिससे कि इंसुलिन की मात्रा कम होती है और उनके शरीर को राहत मिलती है।
2. मानसिक स्वास्थ्य:
जब शरीर में कोई दिक्कत होती है तो उसका दूसरा प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ता है जिससे कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य खराब होने लगता है। रोज व्यायाम करने से PCOS/PCOD के मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य में अच्छा बदलाव दिखता है और वह खुद को परेशानियों से मुक्त महसूस करती है।
3. फर्टिलिटी का बढ़ना:
अक्सर पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं में फर्टिलिटी का स्तर कम हो जाता है। रोज व्यायाम व जॉगिंग करने से PCOS/PCOD के मरीज को अपने शरीर में बदलाव दिखेगा और फर्टिलिटी का स्तर भी बढ़ेगा।
4. ओव्यूलेशन:
PCOS/PCOD का सबसे बड़ा प्रभाव ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पर पड़ता है जिसके कारण पीरियड नियमित रूप से नहीं आते हैं और कई बार काफी दर्द देते हैं। रोज व्यायाम करने से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में भी सुधार आ सकता है।
5. शरीर में तंदुरुस्ती:
पीसीओएस के मरीजों को अक्सर अपने शरीर में तंदुरुस्ती की कमी महसूस होती है जिसके कारण वह दिन भर थकी थकी रहती हैं इसलिए सुबह सुबह योग व व्यायाम करने से उनके मन को शांति मिलती है और शरीर को तंदुरुस्ती भी मिलती है।
PCOS/PCOD के मरीजों को रोज व्यायाम करना चाहिए जिससे कि उनका शरीर तंदुरुस्त रहे। व्यायाम हम सभी को करना चाहिए पर अक्सर अलग अलग शारीरिक समस्याओं के लिए अलग अलग व्यायाम किये जाते है जिसे जानने के लिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। PCOS/PCOD exercise
यह सार्वजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें