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इन 8 तरीकों से पीरियड्स पर करें अपनी बेटी से बात

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Swati Bundela
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-अपनी बेटी को पीरियड्स के बारें में पहले ही बताएं


मां को अपनी बेटी को पीरियड्स आने से पहले ही इसके बारें में बताना चाहिए। ये इसलिए ज़रूरी है क्योंकि लड़कियों को अपने बॉडी में हो रहे या होने वाले चेंजिस के बारें में पहले से पता होना चाहिए। अगर आपकी बेटी को इन बातों के बारें में जानकारी रहेगी तो आने वाले समय में वो घबराएगी नही बल्कि खुद को अच्छे से संभाल पाएगी।
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-उनका हाल-खबर लेते रहें


जैसा कि हम सब जानते है कि पीरियड्स काफी पेनफुल होते हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि मां अपनी बेटी का हाल-खबर लेते रहें। उसके दर्द के बारें में उससे पूछें या कोई हेल्प ऑफर करें।
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-उन्हें पीरियड्स के बारे में कम्फर्टेबल होकर बात करना सिखाएं।


पीरियड्स के बारें में बात करते वक्त उन्हें बताएं और फील कराएं कि ये बातें होनी ज़रूरी है। अगर आप अपनी बेटी से रेगुलरली पीरियड के टॉपिक पर डिस्कशन करती है तो आपकी बेटी भी खुलकर आप से बात कर पाएगी।
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- कभी-कभी घर के मर्दों को भी पीरियड से जुड़ी बात-चीत में शामिल करें।


ऐसा कही नही लिखा कि सिर्फ महिलाओं को ही पीरियड् और उससे जुड़े टॉपिक पर बात करना चाहिए। इसमें अगर घर के पुरूषों को भी शामिल कर लिया जाएं तो माहौल और अच्छा बनेगा। पीरियड्स से जुड़े इतने स्टीगमा के यही कारण हैं कि या तों पुरूषों को इसके बारें में कोई जानकारी नही है या जो जानकारी है वो भी आधी-अधुरी है। अगर मां अपनी बेटी के साथ-साथ अपने बेटों को भी पीरियड्स की बातों में इन्वोल्व करें तो काफी हद तक हमारे सोसायटी में पॉज़िटीव चेंज आएगा।
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-पीरियड क्रेम्प्स और मूड स्विंग्स के दौरान उन्हें मोटिवेट करें


दर्द के उन दिनों में मां का साथ और सपोर्ट होने से ज्यादा खूबसूरत और कुछ नही होता। मां का प्यार और मोटिवेशन उस दर्द को कम करने में काफी हद़ तक मदद करते हैं। ऐसे में मां को अपनी बेटियों के साथ ज्यादा समय गुज़ारना चाहिए जिससे आप दोनों का बॉंड और स्ट्रॉग हो जाए।
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-उन्हें इस पर ज्यादा से ज्यादा बात करने के लिए उत्साहित करें


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डियर मां, हम जानते हैं कि ये आपके लिए ज्यादा तो नही लेकिन थोड़ा  मुश्किल ज़रूर होगा। लेकिन हमारे अच्छे फ्यूचर के लिए और पीरियड्स को टैबू को टमाने के लिए सबसे पहला कदम इस पर खुल कर बात करना ही है। इसकी शुरूआत आप से ही होनी चाहिए।

-उन्हें ये समझने में हेल्प करें कि पीरियड्स नेचुरल हैं ना कि कोई टैबू


कभी-कभी मां खुद पीरियड्स को एक टैबू के तरह ट्रीट करती हैं और अपनी बेटियों को इस पर बात करने से रोकती हैं। इसमें मां की गलती भी नही है क्योंकि ऐसा ही उनकी मां और दादी ने भी किया होगा। लेकिन इसे समय रहते सुधारा भी जा सकता है। आप अपनी बेटी से इस पर बात करना शुरू करें ताकि आगे जाकर वो भी अपनी बेटी एक हेल्थी पीरियड के लिए तैयार कर सके।

-उन्हें बताएं कि पीरियड्स को लेकर अपने दोस्तों के बीच बात करने का आइडिया बहोत अच्छा है।


पीरियड्स के टॉपिक पर दोस्तों से बात करने का काफी अच्छा और पॉज़िटिव रिज़ल्ट रहता है। इससे बॉंडिग तो अच्छी बनती ही है साथ में एक हेल्थी माहोल भी तैयार होता है।


ये थे बेटी से पीरियड्स की बात करने के 8 तरीके


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