पीरियड्स को एक taboo के रूप में माना जाता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को उनके कामों और कर्तव्यों को करने से रोका जाता है। हमारे शरीर को अशुद्ध के रूप में क्यों लेबल किया जाता है, सिर्फ इसलिए कि हमारा खून बह रहा है? पढ़िए कुछ पीरियड मिथ्स जिनसे हमें जल्द से जल्द छुटकारा पाना है
1. आज भी महिलाओं को कुछ सामाजिक-सांस्कृतिक समारोहों में शामिल होने की अनुमति नहीं है क्योंकि उन्हें महीने के उन पांच दिनों के लिए अपवित्र माना जाता है।
2. लड़कियों को, जब पीरियड्स के बारे में पढ़ाया जाता है, तो यह कहा जाता है कि वे hushed टोन में इस बारे में बात न करें। लेकिन अब यह हाई टाइम है। हमें इन स्टिग्मास को तोड़ना होगा और पीरियड्स के बारे में बात करनी होगी।
3. हमारा देश एक लड़की के वर्जिनिटी खोने के बारे में अधिक चिंतित रहता है क्योंकि यह उसके परिवार के सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है। सबसे पहली बात, समाज किसी महिला के वर्जिनिटी को उसके सम्मान (honour) के साथ क्यों जोड़ता है?
एक और स्टिग्मा जो हमने देखा है वह है कि पवित्र तुलसी का पौधा मर जाता है यदि menstruating वाली महिला की परछाई उसके ऊपर पड़ी तो।
4. यह महिलाओं को सैनिटरी उत्पादों जैसे टैम्पोन और menstrual कप से दूर रखता है और क्योंकि वे डरते हैं कि इससे वह अपने सम्मान (honour) की रक्षा नहीं कर पाएंगे।
5. पीरियड्स के दौरान, दो दिनों तक अपने बालों को धोने या स्नान करने से रोक दिया जाता है। ये मान्यता नदियों में नहाने से उपजी है। पहले, महिलाएं नेचुरल वाटरबॉडी में नहाती थीं और नदी में नहाते समय खून बहना थोड़ा शर्मनाक और काफी अनहाइजीनिक हो जाता था। समय बदल गया है, अब सबके घर में बाथरूम उपलब्ध है। लेकिन कई देशों में ये मान्यता (belief) अभी भी मौजूद है।
6. एक और स्टिग्मा जो हमने देखा है वह है कि पवित्र तुलसी का पौधा मर जाता है यदि mensturating वाली महिला की परछाई उसके ऊपर पड़ी तो।
7. वह अचार ख़राब हो जाता है अगर पीरियड्स के दौरान उसें महिला छू दें तो। इन मान्यताओं का कोई साइंटिफिक रीजन (scientific reason) नहीं है और फिर भी इनका पालन किया जाता है। हमें इन सब स्टिग्मास को तोड़ देना चाहिए और खुल कर जीना चाहिए।
यह थी कुछ पीरियड मिथ्स जिनसे हमें छुटकारा पाना है
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