New Update
पीरियड्स का इर्रेगुलर होना एक बहुत ही आम बात है और जरूरी भी नहीं की इर्रेगुलर पीरियड्स होने का कारण प्रेगनेंसी ही हो । प्रेगनेंसी के अलावा कई कारणों से आपके पीरियड्स आने में देरी हो सकती है । इर्रेगुलर पीरियड्स (Irregular periods Hindi) के कई कारण हो सकते है जो की सामान्य से गंभीर भी हो सकते है इसलिए नज़रअंदाज़ न करना बेहतर होगा ।
तनाव लेने से आपके हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है , जिससे दिमाग जो की आपके पीरियड्स को रेगुलेट करता है ,उस पर तनाव के कारण वो काम उतनी कुशलता से नहीं कर पाता। ये तो आप सभी जानते ही होंगे की तनाव लेने से आपके शरीर का अचानक वजन घट या बढ़ सकता है और इससे आपके पीरियड्स पर असर पड़ सकता है ।
महिलाओं को वजन बढ़ने का डर होना और इसी कारण उनके वज़न का कम होना ,इससे उनके पीरियड्स में दिक्कत आ सकती है । आप जानते ही होंगे की आपके शरीर की लम्बाई के अनुसार आपका वज़न कितना होना चाहिए , और अगर उतना नहीं है तो ज़ाहिर है की आपका शरीर उस तरह फंक्शन नहीं कर पाएगा जिस तरह वो साधारण रूप से कर सकता है ।
जिस तरह शरीर का वज़न कम होने से आपके हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है , उसी तरह शरीर का वज़न ज्यादा होने से भी बिगड़ता है । मोटापे को कम करने के लिए आपको व्यायाम करना चाहिए और हेअल्थी चीज़ें खानी चाहिए।
PCOS एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हार्मोन का असंतुलन पाया जाता है । इसमें महिलाओं के शरीर में male हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है ।
प्रेगनेंसी को अवॉयड करने के लिए महिलाएं बर्थ कन्ट्रोल पिल्स लेती है ,जिससे शरीर के हार्मोन्स में बदलाव आता है और ओवरीज़ एग्ग प्रोडूस करना बंद कर देती हैं पर पिल्स के नुकसान भी होते है और पिल्स छोड़ने के बाद लगभग 6 महीनें लग जाता है आपकी पीरियड्स साइकिल को नार्मल होने में । ये थे इर्रेगुलर पीरियड्स के 5 कारण
और पढ़िए :क्या आप अपनी वजाइना से जुड़ी ये 5 बातें जानते हैं ?
इर्रेगुलर पीरियड्स (Irregular periods Hindi) के 5 कारण
1 तनाव
तनाव लेने से आपके हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है , जिससे दिमाग जो की आपके पीरियड्स को रेगुलेट करता है ,उस पर तनाव के कारण वो काम उतनी कुशलता से नहीं कर पाता। ये तो आप सभी जानते ही होंगे की तनाव लेने से आपके शरीर का अचानक वजन घट या बढ़ सकता है और इससे आपके पीरियड्स पर असर पड़ सकता है ।
2 वजन का कम होना
महिलाओं को वजन बढ़ने का डर होना और इसी कारण उनके वज़न का कम होना ,इससे उनके पीरियड्स में दिक्कत आ सकती है । आप जानते ही होंगे की आपके शरीर की लम्बाई के अनुसार आपका वज़न कितना होना चाहिए , और अगर उतना नहीं है तो ज़ाहिर है की आपका शरीर उस तरह फंक्शन नहीं कर पाएगा जिस तरह वो साधारण रूप से कर सकता है ।
3. मोटापा
जिस तरह शरीर का वज़न कम होने से आपके हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है , उसी तरह शरीर का वज़न ज्यादा होने से भी बिगड़ता है । मोटापे को कम करने के लिए आपको व्यायाम करना चाहिए और हेअल्थी चीज़ें खानी चाहिए।
4 पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हार्मोन का असंतुलन पाया जाता है । इसमें महिलाओं के शरीर में male हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है ।
5 बर्थ कंट्रोल
प्रेगनेंसी को अवॉयड करने के लिए महिलाएं बर्थ कन्ट्रोल पिल्स लेती है ,जिससे शरीर के हार्मोन्स में बदलाव आता है और ओवरीज़ एग्ग प्रोडूस करना बंद कर देती हैं पर पिल्स के नुकसान भी होते है और पिल्स छोड़ने के बाद लगभग 6 महीनें लग जाता है आपकी पीरियड्स साइकिल को नार्मल होने में । ये थे इर्रेगुलर पीरियड्स के 5 कारण
और पढ़िए :क्या आप अपनी वजाइना से जुड़ी ये 5 बातें जानते हैं ?