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पित्त दोष क्या है - पित्त दोष को सबसे ज्यादा खतरनाक दोष माना जाता है। इसका किसी व्यक्ति के जीवन में होने से लगातार परेशानियां आनी शुरू हो जाती है। जिसके कुंडली में यह दोष होता है उसे सिर्फ कई तरह की बीमारी नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें भी झेलने पड़ती हैं। इस दोष से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि हमें पहले इसके बारे में पता हो।
पित्त अग्नि और जल का कंबीनेशन है। पित्त में मुख्य रूप से गर्म, तैलीय और हल्के जैसे लक्षण होते हैं। पित्त गर्मी, मेटाबॉलिज्म, मन और शरीर में परिवर्तन को कंट्रोल करता है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों को कैसे पचाया जाए, संवेदी धारणाओं को कैसे मेटाबॉलिज्म किया जाए, और सही और गलत के बीच के अंतर को कैसे समझा जाए।
पित्त हमारे पर्सनालिटी की प्रमुख विशेषताओं जैसे एक फिट शरीर, ज्यादा पसीना, नींद, रशनल थिंकिंग, अच्छी याददाश्त, और फ्लांइट स्पीकिंग आदि के लिए जिम्मेदार होता हैं। यह दोष पित्त का असंतुलन है, जिससे क्रोध और चिंता की समस्या, दाग-धब्बों वाली त्वचा, मुंहासे, कालापन और आदि को झेलना पड़ता हैं।
गर्मी के मौसम को 'पित्त दोष का मौसम' भी कहा जाता है। क्योंकि यह शरीर में गर्मी को बढ़ा देता है। इसकेेे कारण शरीर में कई तरह का नुकसान होता है, जैसेे कि -
• ज्यादा भूख और प्यास लगना
• गैस और इन डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें
• ज्यादातर वक्त जी मचलता है
• डायरिया हो सकता है
• कब्ज और अन्य पेड़ से जुड़ी दिक्कतें
• ज्यादा बाल झड़ना
• महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द और फ्लो होना
• वर्टिगो और माइग्रेन जैसे पोस्टुरल दिक्कतें
• हॉट फ्लैश होना
• शरीर से और सांस लेते वक्त बदबू आना
• चिंता और तनाव की दिक्कत जैसे पश्चाताप, निराशा, क्रोध या दुखी महसूस करना
• इनसोम्निया या अन्य नींद संबंधी विकार।
पित्त दोष क्या है ?
पित्त अग्नि और जल का कंबीनेशन है। पित्त में मुख्य रूप से गर्म, तैलीय और हल्के जैसे लक्षण होते हैं। पित्त गर्मी, मेटाबॉलिज्म, मन और शरीर में परिवर्तन को कंट्रोल करता है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों को कैसे पचाया जाए, संवेदी धारणाओं को कैसे मेटाबॉलिज्म किया जाए, और सही और गलत के बीच के अंतर को कैसे समझा जाए।
पित्त दोष से क्या प्रभाव पड़ता है ?
पित्त हमारे पर्सनालिटी की प्रमुख विशेषताओं जैसे एक फिट शरीर, ज्यादा पसीना, नींद, रशनल थिंकिंग, अच्छी याददाश्त, और फ्लांइट स्पीकिंग आदि के लिए जिम्मेदार होता हैं। यह दोष पित्त का असंतुलन है, जिससे क्रोध और चिंता की समस्या, दाग-धब्बों वाली त्वचा, मुंहासे, कालापन और आदि को झेलना पड़ता हैं।
पित्त दोष के नुकसान
गर्मी के मौसम को 'पित्त दोष का मौसम' भी कहा जाता है। क्योंकि यह शरीर में गर्मी को बढ़ा देता है। इसकेेे कारण शरीर में कई तरह का नुकसान होता है, जैसेे कि -
• ज्यादा भूख और प्यास लगना
• गैस और इन डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें
• ज्यादातर वक्त जी मचलता है
• डायरिया हो सकता है
• कब्ज और अन्य पेड़ से जुड़ी दिक्कतें
• ज्यादा बाल झड़ना
• महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द और फ्लो होना
• वर्टिगो और माइग्रेन जैसे पोस्टुरल दिक्कतें
• हॉट फ्लैश होना
• शरीर से और सांस लेते वक्त बदबू आना
• चिंता और तनाव की दिक्कत जैसे पश्चाताप, निराशा, क्रोध या दुखी महसूस करना
• इनसोम्निया या अन्य नींद संबंधी विकार।