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Photograph: (Pinterest)
5 women of India who made history in India: महिलाएं समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। आज महिलाएँ केवल घर तक । महिलाएं आज हर स्केटर में आगे आई हैऔर अपनी उपस्थिति को साबित किया है। लेकिन इसकी शुरुआत इतिहास में ही हो चुकी थी। एक ओर महिलाओं को समाज में कमजोर हिस्सा माना जाता था वहीं कुछ ऐसी भी थी जिन्होंने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण पद संभाले जिन्होंने भारत में अलग । इस आर्टिकल में हम जानेंगे ऐसी ही कुछ शक्तिशाली महिलाओं के बारे में जिन्होंने इतिहास रचा।
भारत की 5 ऐसी महिलाएँ जिन्होंने रचा इतिहास
1. लक्ष्मी सहगल ( पहली डॉ)
लक्ष्मी सहगल एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, डॉक्टर और भारतीय राष्ट्रीय सेना की सदस्य रही थी। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय सेना में एक सैनिक के रूप में कार्य किया और महिलाओं की रेजीमेंट रानी झांसी रेजिमेंट की पहली कमांडिंग ऑफिसर बनीं। वे एक डॉक्टर भी थीं और अपने जीवन में उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया। उनकी पहचान एक साहसी और प्रेरणादायक नेता के रूप में भी रही है। वे 2002 में भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार भी बनी थीं।
2. सुचेता कृपलानी (पहली मुख्यमंत्री)
सामाजिक कार्यकर्ता और भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। सुचेता कृपलानी का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में विभाजन के समय और अन्य संघर्षों में सक्रिय भाग लिया था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य थीं और 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद, वे उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पहली महिला नेताओं में से एक थीं।
3. आनंदी गोपाल जोशी (पहली महिला डॉक्टर)
आनंदी गोपाल जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थी। जिस समय महिलाओं को पढ़ना भी मुश्किल था उस समय उन्होंने समाज से लड़कर डॉक्टरी की डिग्री हासिल की। उनकी उपलब्धि समाज में महिलाओं के शिक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है, जो यह साबित करता है कि संघर्ष और समर्पण से कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है। आनंदी गोपाल जोशी ने समाज में महिलाओं के लिए कई नए रास्ते खोले और चिकित्सा क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाई।
4. अन्ना चंडी (पहली महिला न्यायाधीश)
अन्ना चंडी भारत की उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश भी थीं । उन्होंने भारतीय महिलाओं के लिए नए रास्ते खोले। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने भारत के कानूनी क्षेत्र में महिलाओं के कैरियर में नए अवसर को जन्म दिया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के साथ-साथ पत्रिका 'श्रीमती' की शुरुआत और संपादन किया।
5. सावित्री बाई फुले (समाज सुधारक)
सावित्रीबाई फुले भारतीय समाज सुधारक, शिक्षिका और कवयित्री थीं। उन्हें भारतीय महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर महिला शिक्षा के प्रसार के लिए कई कदम उठाए। सावित्रीबाई फुले ने 1848 में पुणे में पहला आधुनिक लड़कियों का स्कूल स्थापित किया था, जो बाद में भारत में महिलाओं की शिक्षा के लिए एक प्रमुख कदम था। इसके अलावा, उन्होंने विधवा पुनर्विवाह, बालिका शिक्षा, और दलितों के अधिकारों के लिए भी काम किया।