Problems Women Faced During Sitting Job: आजकल के लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग सिटिंग जब ही करते हैं। खासतौर पर महिलाओं की बात की जाए तो वो ज्यादातर बैठने वाली ही जॉब करती हैं जिसमें फिजिकल एफर्ट कम होते हैं। यह जॉब बहुत ही आरामदायक होती है। इसके लिए आपको ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ती। इसके साथ ही आज के समय में वर्क फ्रॉम होम का भी ऑप्शंस मौजूद हैं और बहुत सारी महिलाएं अपना घर संभालते हुए इसका ऑप्शंस ले रही हैं। इसके कारण उन्हें पूरा दिन बैठना पड़ता है जिस कारण बहुत सारी शारीरिक और मानसिक समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं। चलिए उनके बारे में जानते हैं-
जानें Sitting Job से महिलाओं को क्या परेशानियां आती हैं?
मोटापा (Obesity)
सिटिंग जॉब में ज़्यादा देर तक बैठे रहने से हमें मोटापा हो सकता है क्योंकि इससे हमारी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। फिजिकल एक्टिविटी कम होने से हमारी बॉडी पर फैट आनी शुरू हो जाती है और इस पर समय रहते ध्यान ना दिया जाये तो यह ओबेसिटी में तब्दील हो सकती है। इस सिचुएशन से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप बीच-बीच में उठ कर बॉडी को थोड़ा रिलैक्स करते रहें और दिन में कम से कम एक समय एक्सरसाइज़ ज़रूर करें।
खराब पोस्चर (Poor Posture)
सिटिंग जॉब करने से पोस्चर में भी खराबी आने लगती है जैसे आपके पेट में दर्द रहने लग जाता है। इसके साथ ही Hip Flexors टाइट हो जाते हैं जिसके कारण पोस्चर Swaybacked हो जाता है। खराब पोस्चर के कारण सिर के पोजीशन में भी बदलाव आने लग जाते हैं और कंधों पर बोझ पड़ता है। जब आप ऑफिस जॉब के कारण लंबे समय तक बैठे रहते हैं इससे आपकी गर्दन और रीड की हड्डी पर भी दबाव बढ़ने लग जाता है। इसके कारण सिर दर्द भी होने लग जाता है।, इसलिए आपको काम के दौरान छोटे-मोटे ब्रेक लेते रहना चाहिए और अपने पोस्चर को सही रखना चाहिए।
पीरियड में अनियमितताएं (Menstrual Irregularities)
पूरा दिन एक जगह बैठे रहने से हमें हार्मोनल इम्बैलेंस होने का चांस भी बढ़ जाता है। इसकी वजह सिटिंग जॉब की वजह से होने वाली ओबेसिटी या मोटापा भी हो सकता है। ज़्यादा देर बैठने से आपकी बॉडी में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ सकता जिससे पीरियड्स इम्बैलेंस हो सकते हैं।
डिप्रेशन और एंजायटी (Depression & Anxiety)
अब आप सोच रहे होंगे कि लंबे समय तक बैठने से आपकी मेंटल हेल्थ कैसे प्रभावित होती है लेकिन यह सच है ज्यादा देर तक बैठने से आपको डिप्रेशन और एंजायटी की समस्या भी हो सकती है क्योंकि आपकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। आप पूरा दिन एक ही माहौल में बैठे रहते हैं। इसलिए आपको काम के दौरान बीच-बीच में बॉडी को स्ट्रेच करते रहना चाहिए aur ब्रेक लेते रहना चाहिए। इसके साथ ही अपनी फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाना चाहिए। इससे आपका मूड भी अच्छा होगा और हैप्पी हारमोंस भी रिलीज होंगे।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
रिसर्चस यह भी बताती है कि जिन महिलाओं की फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा है पर दिन में कम समय बैठी हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कम होता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी एक हफ्ते में 150 से 300 मिनट मध्यम शारीरिक गतिविधि या 75 से 100 मिनट तीव्र व्यायाम करने की सिफारिश करती है, क्योंकि इस मात्रा में व्यायाम करने से कैंसर का जोखिम कम होता है।