Post Menopausal Bleeding: मेनोपॉज के बाद रक्तस्राव होने के कारण
महिलाओं में 45 से 50 साल की उम्र के बीच मेनोपॉज होता है। इस दौरान महिलाओं को पीरियड आना बंद हो जाता हैं और उनकी प्रजनन क्षमता खत्म होती है। मेनोपॉज होने पर महिलाओं की पीरियड साइकिल खत्म हो जाती है इसलिए इस अवस्था के बाद महिलाओं को वजाइना में ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगर आपको मेनोपॉज होने के बाद भी वजाइना से ब्लीडिंग या स्पोटिंग नजर आती है तो इस बात को सामान्य नहीं समझना चाहिए। इस संदर्भ में आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
जानिए मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होने के संभावित कारण-
1. यूट्रीन पॉलिप्स (Uterine Polyps)
यूट्रीन पॉलिप्स में यूट्रीन की वॉल पर सेल ग्रोथ होती है, यह ग्रोथ गर्भाशय के अंदरूनी हिस्सों तक फैलती है। इस कारण भी मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग हो सकती है। हालांकि यूट्रीन पॉलिप्स होने से कैंसर नहीं होता है लेकिन यह उसका कारण बन सकती है। इसलिए यह समस्या होने पर इन्हें समय रहते निकलवा देना चाहिए।
2. एंडोमेट्रियम पतली या मोटी हो जाना
मेनोपॉज की अवस्था में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल चेंज होते हैं।हार्मोनल चेंज होने के कारण उनके एंडोमेट्रियम वॉल प्रभावित होती है। यह एंडोमेट्रियम वॉल पतली या मोटी हो जाती है और इस कारण भी मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग हो सकती है।
3. वजाइना का परत पतली हो जाना
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल चेंज होता है। इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है जिस कारण वजाइना की परत पतली होती है और इसके कारण भी ब्लीडिंग हो सकती है। हालांकि इस दौरान हार्मोन से संबंधित मेडिकेशन लेने से इन्हें बैलेंस किया जा सकता है और वजाइना की परत को ठीक किया जा सकता है।
4. कैंसर होने के कारण
अगर प्रजनन अंगों से संबंधित कोई भी कैंसर महिलाओं में होता है जैसे की सर्वाइकल कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर, तो इस कारण भी मेनोपॉज की अवस्था के बाद ब्लीडिंग और स्पोटिंग नजर आ सकते हैं।
5. यौन संचारित रोग होना
महिलाओं में अगर यौन संचारित रोग होते हैं तो यह भी मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होने का एक कारण बनता है। यौन संचारित रोग जैसे कि क्लेमिडिया, गोनोरिया या हर्पीज आदि होने पर मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग और स्पोटिंग हो सकती है। इसलिए मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होने को सामान्य नहीं समझना चाहिए|