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Stop Overthinking: ओवरथिंकिंग के कारण और बचाव के लिए टिप्स

आजकल स्ट्रेस का सबसे बड़ा कारण ओवरथिंकिंग बन गया है हर छोटी छोटी बात के बारे में सोचने की वजह से लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। आइए जाने ओवरथिंकिंग के कारण क्या है और इससे बचाव के लिए कुछ टिप्स।

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Niharikaa Sharma
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(Image Source- Freepik)

Stop Overthinking: आजकल स्ट्रेस का सबसे बड़ा कारण ओवरथिंकिंग बन गया है हर छोटी छोटी बात के बारे में सोचने की वजह से लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। ये दौर वो है जहां हर व्यक्ति दूसरे से बेहतर बनना चाहता है इस सोशल मीडिया के जमाने में लोग दिखावट, फॉलोवर्स और लाइक्स के पीछे भागते है और इसमें सफलता नहीं मिलती तो लोग बस सोच में पड़ने लगते हैं। ओवरथिंकिंग आपके स्वस्थ के लिए बहुत परेशानियां खड़ी कर सकती है, इस बात से बहुत से लोग अनजान है। आइए जाने ओवरथिंकिंग के कारण क्या है और इससे बचाव के लिए कुछ टिप्स।

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ओवरथिंकिंग के कारण और बचाव के लिए टिप्स

ओवरथिंग के क्या कारण है

असफलता का डर - जो लोग ज्यादा सोचते है वो हमेशा नेगेटिविटी से घिरे रहते है उन्हें डर रहता है की अगर वो सफल नहीं हो पाएं तो एक ही बात को दिमाग में कई बार दोहराने के बाद भी वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंचते और इसी वजह से पीछे रह जाते हैं।

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आत्मविश्वास की कमी - लोग अक्सर ज्यादा इसलिए भी सोचते है की उन्हें अपने ऊपर विश्वास नहीं होता, अपने खुद के फैसलों पर संदेह करते हैं और खुद से लगातार सवाल करते है जिससे ये सवालों का चक्र कभी भी खत्म नही होता।

पिछला ट्रॉमा - यदि किसी व्यक्ति का पिछला कोई अनुभव नकारात्मक रहा हो तो वो किसी ऐसी स्थिति में दुबारा पड़ने के डर से ओवरथिंक करने लगते हैं जिसकी वजह से मन हमेशा अशांत रह सकता है।

परफेक्ट बनने की चाहत - परफेक्शन को प्राप्त करने की इच्छा में अत्यधिक सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। यह हमें अपने काम के हर छोटे-बड़े पहलू पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे आगे बढ़ने में रुकावट आती है। इस इच्छा के चलते, हमें गलतियों का डर होता है।

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माइंडफुलनेस की कमी - लोग प्रेजेंट में उपस्थित होने के साथ काफी स्ट्रगल करते हैं, वे पिछली घटनाओं पर ध्यान देते है या फिर बस भविष्य के बारे में सोचते है और चिंता करते है, जिससे प्रेजेंट में वो पूरी तरह से शामिल नहीं हो पाते और न ही प्रेजेंट को एंजॉय कर पाते।

ओवरथिंकर्स के लिए कुछ टिप्स

सकारात्मक रहने का प्रयास - पॉजिटिव रहने से ओवरथिंकर समस्याओं को नई दृष्टि से चीजों को देखने का मौका मिलेगा। उन्हें सॉल्यूशन के लिए सकारात्मक उपाय ढूंढने में मदद मिलती है और उन्हें अपनी समस्याओं को हल करने के लिए मोटिवेट करती है, उन्हें संघर्ष के बावजूद आगे बढ़ने का सामर्थ्य प्रदान करती है।

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बात चीत करें - आप अपने विचारों को बाहर लाने के लिए निरंतर संवाद करें, जैसे कि व्यावसायिक समूहों में शामिल होकर या आप चाहे तो अपने किसी दोस्त से भी बात कर सकते हैं अगर आप बस सोचते रहेंगे तो कभी किसी मोड़ पर नहीं पहुंचेंगे।

सीखने की कोशिश करें - खने की को अगर आपको कोई काम नही आता है तो ये नही सोचे की आप नही कर पाएं तो फ्यूचर में क्या होगा इससे बेहतर है की आप कोशिश करें और काम को सीखे यदि गलती हो तो परेशान नहीं हो याद रखे व्यक्ति अपनी गलतियों से ही सीखता है।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें - नियमित व्यायाम, उचित आहार और पर्याप्त आराम से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे आप सोच में इतना वक्त बरबाद न करें की आपकी हेल्थ पर कोई भी गलत असर पड़े।

माइंडफुलनेस प्रैक्टिस - प्रेजेंट में रहना बहुत जरूरी है आपको ये बात समझनी चाहिए पुरानी गलतियों से सीखे और भविष्य की चिंता में नही रहें, याद रखे की अपने आज से ही आप अपने कल को बेहतर बना सकते हैं।

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